घर में पाल रखा था कंगारू, उसी ने ले ली 77 साल के बुजुर्ग की जान, जानें क्या हुआ ऐसा

देश के कुछ शहरों से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि पिटबुल प्रजाति के कुत्ते अपने मालिकों पर हमला कर रहे हैं. ऐसे में सोसायटीज में रहने वाले लोगों में इस बात को लेकर डर बैठा हुआ है.

लेकिन ऐसा सिर्फ पिटबुल कुत्तों को लेकर ही नहीं है, बल्कि कुछ और जानवरों को लेकर भी ऐसी खबरें आ रही हैं कि उन्होंने अपने मालिकों पर हमला करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया. ऐसा ही ऑस्ट्रेलिया में भी हुआ है. ऑस्ट्रेलिया के रेडमोंड में रहने वाले एक बुजुर्ग की जान उसके पालतूकंगारू ने ले ली.

यह घटना पर्थ से 400 किमी दूर स्थित रेडमोंड में हुई है. वहां सोमवार को एक व्यक्ति ने अपने 77 साल के बुजुर्ग रिश्तेदार को उसके घर पर गंभीर हालत में घायल पाया था. उन्हें देखकर वह घबरा गया था. इसके तुरंत बाद उसने पुलिस और पैरामेडिकल सेवाओं को इस घटना की जानकारी दी और उनसे मदद मांगी.

घायल के पास नहीं जाने दे रहा था कंगारू

उसकी सूचना पर पैरामेडिकल की टीम और पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए. ये टीमें जब 77 साल के गंभीर रूप से घायल व्यक्ति के घर पर पहुंचीं तब भी कंगारू वहीं पर था. जब टीमें बुजुर्ग की मदद के लिए आगे बढ़ रही थीं तो कंगारू उन्हें ऐसा करने से रोक रहा था. वह उन्हें उसकी मदद नहीं करने दे रहा था. ऐसे में पुलिस और पैरामेडिकल की टीम को परेशानी हो रही थी. इस बीच पुलिस ने उस कंगारू को गोली मारकर मार डाला. लेकिन 77 साल के बुजुर्ग को भी नहीं बचाया जा सका था. गंभीर रूप से घायल बुजुर्ग ने वहीं दम तोड़ दिया था.

पुलिस के प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि 77 साल के बुजुर्ग पर कंगारू ने हमला किया था. वो जंगली कंगारू था. ऑस्ट्रेलिया में करीब 5 करोड़ कंगारू रहते हैं. लेकिन इंसानों पर उनके हमले काफी कम ही देखने को मिलते हैं. 1936 के बाद इंसानों पर कंगारू के हमले का यह पहला मामला है.

पहले भी हो चुके हैं हमले

विशेषज्ञों के अनुसार कंगारुओं के पास हमला करने के लिए कई तरह के हथियार मौजूद होते हैं. उनके नुकीले दांत, मजबूत जबड़े और शक्तिशाली पैर किसी भी इंसान की जान आसानी से ले सकते हैं. अगर उन्हें छेड़ा जाए तो वे और भी अधिक खतरनाक हो सकते हैं. इससे पहले जुलाई में भी कंगारू एक महिला पर हमला कर चुका है. क्वींसलैंड में 67 साल की महिला को कंगारू ने घायल कर दिया था. उनका पैर भी इस दौरान उनके पैर में भी चोट लगी थी. वो टूट गया था. वही मार्च में एक तीन साल की बच्ची भी कंगारू के हमले में घायल हो गई थी.

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