
हरियाणा के करनाल में कष्ट निवारण समिति की बैठक में हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने शिकायतों पर एक्शन लेते हुए बिजली निगम के 2 चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) व नगर निगम के एक जेई को सस्पेंड कर दिया है। निकाय मंत्री की कार्रवाई से बिजली निगम व नगर निगम में हड़कंप मच गया।
दरअसल, आज निकाय मंत्री करनाल में कष्ट निवारण समिति की बैठक में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे, जहां उन्होंने 19 शिकायतों को सुना। जिनमें से अधिकतर का समाधान मौके पर ही कर दिया गया। अमुपुर गांव की महिला बीरो देवी अपनी बिजली बिल संबंधित समस्या लेकर पहुंची।
55 हजार रुपए आया बिजली का बिल
महिला की शिकायत थी कि उसका हर महीने 200 से 250 रुपए बिल आता था और वह हर महीने अपना बिल भर देती थी, लेकिन बिजली निगम की लापरवाही के कारण पिछले कई माह से उसका बिल नहीं दिया जा रहा था। अब विभाग द्वारा उसका बिल 55 हजार रुपए भेजा गया है। बिल को ठीक करवाने के लिए उसने शिकायत भी दी, लेकिन उसे सिर्फ आश्वासन ही मिले। बिल ठीक नहीं किया गया।
26 हजार बिल भरने का बनाया जा रहा दबाव
अधिकारियों के सामने से यह भी बात सामने आई है कि बिल को दुरुस्त कर दिया गया था। उसके बाद महिला को 26 हजार रुपए का बिल भरना था, लेकिन महिला का कहना है कि वह एक गरीब औरत है और दिहाड़ी करके अपने परिवार का पेट पालती है। वह 26 हजार रुपए कहां से लेकर आए। कोई सुनवाई नहीं हो रही, बिल भरने का दबाव बनाया जा रहा है। अगर बिल नहीं भरूंगी तो कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जाती है। ऐसे में वह मानसिक रूप से परेशान हो चुकी है।
संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो किया 2 को सस्पेंड
निकाय मंत्री ने महिला की शिकायत को ध्यान से सुना और बिजली निगम के अधिकारियों से इसको लेकर जवाब मांगा। जब कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया तो कमल गुप्ता ने बिजली निगम के दो CA को सस्पेंड कर दिया और मामले की जांच असंध SDM को सौंपी गई है।
गड्ढा नहीं भर रहा था निगम का जेई, सस्पेंड
महिला ऊषा रानी खेड़ा कॉलोनी ने कमल गुप्ता के सामने शिकायत रखी कि उसके घर के बाहर एक गड्ढा था। उसने शिकायत की थी, लेकिन उसकी शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। उल्टा JE आया और बिना गड्ढा भरे ही उसके साइन करवाकर ले गया। JE संजीत के खिलाफ शिकायत आई थी। जिस पर कमल गुप्ता ने तुरंत एक्शन लिया और सस्पेंड कर दिया।
सस्पेंड से हड़कंप
कमलनाथ गुप्ता के ताबड़तोड़ एक्शन ने करनाल जिले में हड़कंप मचा दिया है। पहले दो CA सस्पेंड किए गए और फिर एक JE, ऐसे में पार्टी कहीं न कहीं आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए यह कार्रवाई अमल में ला रही है। हालांकि इस बैठक के माध्यम से लोगों को संतुष्ट करने की पूरी कोशिश की जा रही है। टारगेट लोकसभा व विधानसभा चुनावों को लेकर रखा गया है। सरकार कहीं न कहीं अपनी अच्छी इमेज लोगों के बीच बनाने की फिराक में है।
प्राइवेट स्कूलों पर एक्शन कब होगा
जिस तरह से कमल गुप्ता ने सीए व जेई को सस्पेंड करने की कार्रवाई की है। उसी तरह से लोग शिक्षा मंत्री से भी प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ एक्शन लेने की कार्रवाई चाहते हैं। प्राइवेट स्कूलों ने प्राइवेट पब्लिशर्स से साठगांठ कर अपने स्कूल में ही किताबों की दुकानें खोल रखी हैं या फिर दुकानदारों से ही सेटिंग की हुई है। सिर्फ निर्धारित दुकानों पर ही संबंधित स्कूल की किताबें मिलती हैं।
ऐसे में इस लूट के खिलाफ सरकार की सख्ती भी लोग देखना चाहते हैं, क्योंकि अभिभावक मजबूर हैं और वे इन स्कूलों के खिलाफ आवाज उठाने में सक्षम नहीं हैं।