चंडीगढ़. हरियाणा की निचली अदालतों के आदेश अगले साल एक अप्रैल से हिंदी भाषा में भी उपलब्ध होंगे. एक आधिकारिक आदेश में मंगलवार को यह जानकारी दी गई. इस आदेश में कहा गया है कि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इस बारे में हरियाणा सरकार के सूचना, जनसंपर्क और भाषा विभाग से जारी की गई अधिसूचना को मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब हरियाणा में निचली अदालतें और न्यायाधिकरण भी अगले साल एक अप्रैल से हिंदी में आदेश जारी करेंगे.
हरियाणा सरकार के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधीनस्थ न्यायालयों एवं न्यायाधिकरणों में हिन्दी भाषा के प्रयोग पर हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 में संशोधन करने के प्रस्ताव के बाद राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हरियाणा सूचना, जनसंपर्क और भाषा विभाग से जारी अधिसूचना को मंजूरी दे दी. यह प्रस्ताव एक अप्रैल 2023 से लागू होगा.
सरकार से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य की सरकार ने जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. लोग दैनिक जीवन में हिन्दी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करें और इसके लिए हिन्दी भाषा का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार जरूरी है. इसके लिए हरियाणा कैबिनेट ने जनवरी में एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दी थी.
सरकार के बयान में कहा गया कि लोकतंत्र में न्याय का उद्देश्य यह है कि वादी को उसकी अपनी भाषा में तुरंत न्याय मिले और वह कार्यवाही के दौरान केवल मूक दर्शक बनकर न रहे. पंजाब ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अधीनस्थ सभी सिविल और आपराधिक अदालतों में पंजाबी भाषा को लागू करने के लिए कानून में संशोधन किया था. इसी तरह का संशोधन हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 में किया गया है.
जिससे यह प्रावधान किया जा सके कि उच्च न्यायालय के अधीनस्थ सभी अदालतों में और राज्य सरकार द्वारा गठित सभी न्यायाधिकरणों में काम हिंदी में किया जाएगा. हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 को राज्य विधानमंडल से हिंदी को आधिकारिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के रूप में अपनाने के लिए पारित किया गया था. इसे हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 के तहत राज्य की आधिकारिक भाषा बनाया गया था. तब से हिंदी को प्रशासन की भाषा के रूप में प्रयोग किया जाता है.