
कैथल: अवैध वीजा पर भारत में घूम रहे ईरानी पति-पत्नी को न्यायालय ने विदेशियों विषयक अधिनियम व खल व्यापारी से हेराफेरी करने मामले में एक साल के कारावास व एक-एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने पर दोनों को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. कारावास पूरा होने पर दोनों को ईरान डिपोर्ट करने का भी आदेश जारी किया है.
घटनाक्रम के अनुसार, 17 नवंबर 2022 को कैथल निवासी महेंद्र पाल 2:30 बजे कैथल की जींद रोड पर अपनी दुकान में बैठा था. पहले ईरानी दंपति ने व्यापारी से दो किलो पशु आहार खरीदा और भुगतान कर दिया. भुगतान के बाद वे कहने लगे कि उनको एक बार भारत का 2000 रुपये का नोट दिखा दीजिए. उन्होंने अपने हाथ में पैकेट लेते हुए चतुराई से दो हजार रुपये के 34 नोट निकाल लिए.
ऐसे में दंपति ने दुकानदार के साथ 68 हजार रुपये की हेराफेरी कर दी. इसके बाद व्यापारी ने कैथल सिविल लाइंस थाने में FIR दर्ज कराई. पुलिस ने दोषियों को अंबाला के नाराणगढ़ से काबू कर लिया. इनकी पहचान ईरान के तेहरान के निकट खलखल निवासी अली हाशेमी बोफराजोर्ड व उसकी पत्नी अफशाह मोराडवांड के रूप में हुई थी. दोनों के पास से नकदी भी बरामद हुई थी.
लंबी चली कानूनी लड़ाई
मेडीकल के दौरान दंपति कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. कोर्ट में मामले को लेकर लंबी सुनवाई के बाद न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी मान्विका यादव ने अभियोजन पक्ष की बात को सही माना. सीसीटीवी फुटेज से दोनों के दुकान के बाहर पहुंचने की पुष्टि हुई. न्यायालय के सामने यह तथ्य भी आया कि दोनों के वीजा की अवधि भी समाप्त हो चुकी थी. दोनों अवैध रूप से भारत में घूम कर अपराध कर रहे थे. न्यायालय ने दोनों को चोरी के मामले में छह माह की कैद, हेराफेरी में छह माह की कैद व विदेशियों विषयक अधिनियम के तहत एक साल के कारावास व एक-एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई है.
न्यायालय ने नहीं दी राहत
न्यायालय ने ईरानी दंपति की सजा अवधि पूरी होने और कोई अन्य मामला लंबित न होने पर उन्हें ईरान डिपोर्ट करने का भी आदेश दिया है. सजा सुनाए जाने के दौरान ईरानी दंपत्ति ने न्यायालय से रहम की अपील की. उन्होंने कहा की ईरान में उनके छह से 18 साल के चार बच्चे हैं व पिता की उम्र 80 साल है, जिनकी उन्हें देखभाल करनी है. इस पर न्यायालय ने कहा कि जो अपराध दोनों ने किया है, उसे देखते हुए वे रहम के काबिल नहीं हैं.