अब भारत ढूँढ रहा है कोरोना वायरस का इलाज

नई दिल्ली  :  अब भारत में कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकारी एजेंसियां भी तैयारी कर रही हैं| इसके लिए वायरस से संक्रमित मरीज के इलाज के लिए एक मानक तरीके पर कार्य चल रहा है| इस मामले से इससे जुड़े लोगों ने ही यह जानकारी दी|

इस मानक के तहत एक प्रयोग में कई तरह के एंटीरेट्रोवायरल्स [ antiretrovirals ] को मिलाकर इस इलाज का नुस्खा बनाया जा रहा है| एंटीरेट्रोवायरल्स का इस्तेमाल एचआईवी या एड्स के इलाज में किया जाता है| इसी तरीके का इस्तेमाल चीन में किया जा रहा है| इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को लोपिनाविर और रिटोनाविर के कम्बिनेश के इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल की मंजूरी हासिल है| इन दोनों का ही इस्तेमाल एड्स के इलाज के लिए होता है| भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने पर ही इन दवाओं का इस्तेमाल में लाया जाएगा

 अभी कोरोना वायरस का संक्रमण चीन में दिख रहा है| इसके चलते वहां करीब 900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं और इससे संक्रमित मरीजों की संख्या 37,000 के पार हो गई है| नोवेल कोरोना वायरस का इलाज अभी तक नहीं मिल सका है|

भारत में मुख्य रूप से सिप्ला और अरबिंदो एंटीरेट्रोवायरल्स की सप्लाई करती हैं| भारत की जेनरिक कंपनियां दुनिया में एंटीरेट्रोवायरल्स के सबसे बड़े उत्पादकों में शामिल हैं| इन कंपनियों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर वे सरकार को इन दवाओं की आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं|

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया की, “आईसीएमआर ने एक उच्च स्तरीय एक्सपर्ट कमेटी बनाई है, जोकि कोरोना वायरस के इलाज के मानक तरीके पर काम कर रही है| स्वास्थ्य मंत्रालय के एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि अब तक कोरोना वायरस के इलाज को लेकर कोई बड़ी स्टडी नहीं हो पाई है|

इन अधिकारियों ने बताया कि आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए इलाज के तरीके को लेकर मंजूरी ली जा रही है| अब तक कोरोना वायरस के भारत में सिर्फ तीन मरीज मिले हैं| ये तीनों मरीज केरल के हैं| ये सभी छात्र हैं जो वुहान में पढ़ाई कर रहे थे|

Advertisement