मेडिकल इमरजेंसी में पायलट ने यात्रियों को बिजनेस क्लास के टॉयलेट जाने से रोका, फिर हुआ ऐसा

केरल के कोझिकोड से दिल्ली जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में एक मेडिकल इमरजेंसी की घटना हुई. इस दौरान एक यात्री की तबीयत खराब होने के कारण उसे डॉक्टर ने विमान के तल पर लिटा दिया.

इससे इकोनॉमी क्लास में मौजूद यात्री टॉयलेट नहीं जा पा रहे थे. ऐसे में फ्लाइट के क्रू ने उन्हें बिजनेस क्लास का टॉयलेट इस्तेमाल करने की अनुमति दी. लेकिन फ्लाइट में मौजूद एयर इंडिया के एक ऑफ ड्यूटी पायलट ने उन्हें ऐसा करने से रोका और इसका विरोध किया. इसके बाद उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है.

यह घटना रविवार की है. केरल के कोझिकोड से एयर इंडिया का एक विमान दिल्ली जा रहा था. इसमें सवार एक यात्री की अचानक तबीयत खराब हो गई थी. विमान में सवार एक यात्री पवन कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी है. उन्होंने मीडिया को बताया कि उनके साथ विमान में सवार एक यात्री की तबीयत खराब हुई. उसकी नब्ज और ब्लड प्रेशर काफी कम हो गए थे.

डॉक्टर ने बीमार यात्री को विमान में लिटाया था

यात्री पवन कुमार के अनुसार ऐसे में विमान में सवार किसी डॉक्टर से मदद की अपील की गई. फ्लाइट में सवार एक डॉक्टर ने उसकी मदद की. बीमार यात्री को डॉक्टर से प्रारंभिक इलाज देकर ठीक किया और करीब दस मिनट के बाद जब उसकी तबीयत कुछ ठीक हुई तो उसे विमान के तल पर लिटा दिया ताकि उसे अच्छा महसूस हो. इस कारण से यात्री वॉशरूम नहीं पा रहे थे. वॉशरूम जाने का रास्ता ब्लॉक हो गया था. इसके चलते विमान के क्रू मेंबर्स ने इकोनॉमी क्लास के यात्रियों को बिजनेस क्लास का वॉशरूम इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी.

ऑफ ड्यूटी पायलट ने किया 15 मिनट हंगामा

इसके बाद इकोनॉमी क्लास के यात्री बिजनेस क्लास के वॉशरूम में जाने लगे. लेकिन इस दौरान फ्लाइट में मौजूद एयर इंडिया के एक ऑफ ड्यूटी पायलट ने इस फैसले का विरोध किया. उसने करीब 15 मिनट तक विमान में हंगामा किया. हालांकि इस पूरे मामले में एयर इंडिया की ओर से कोई भी बयान नहीं जारी किया गया है. वहीं यात्रियों का कहना है कि उनके पास बिजनेस क्लास का वॉशरूम इस्तेमाल करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था.

इस पूरे मामले में एयर इंडिया के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर जितेंद्र भार्गव ने कहा है कि विमान में इकोनॉमिक क्लास के यात्रियों को बिजनेस क्लास का वॉशरूम इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाती है. इसके पीछे का कारण यह है कि बिजनेस क्लास के यात्री यात्रा के लिए अधिक पैसे चुकाते हैं. हालांकि उनका कहना है कि कई हालात में ये नियम प्रभावी नहीं होता है.

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