हरियाणा में कर्मचारी ने नहीं परोसा था बटर चिकन, राजभवन ने कार्रवाई का बना लिया था मन, अब HC ने की यह टिप्पणी

चंडीगढ़. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, हरियाणा राजभवन के एक कर्मचारी के बचाव में आया है. कर्मचारी को 2010 में एक सभा में मेहमानों के एक समूह को बटर चिकन नहीं परोसने के लिए चार्जशीट किया गया था. हाईकोर्ट ने राज्य के अधिकारियों से उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करने को कहा है. हाईकोर्ट के अनुसार आरोपों की प्रकृति और गंभीरता ऐसी प्रतीत नहीं होती है कि याचिकाकर्ता कर्मचारी को कठोर और असंगत सजा दी जानी चाहिए. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारियों के साथ नरमी से पेश आएं.

हाईकोर्ट ने कहा कि मेनू की सामग्री और उसके संदर्भ में भोजन की सेवा एक अंशदायी प्रक्रिया है, जिसमें दो से अधिक लोग शामिल होते हैं. और याचिकाकर्ता को पूरी तरह से किसी भी गलत कदम के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए, यह निष्कर्ष निकालकर कि उसने मेनू के एक ही हिस्से को लोगों के एक समूह को नहीं परोसा प्रथम दृष्टया से यह अनुशासनहीनता नहीं लगता है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरुण मोंगा ने हरियाणा सरकार के आतिथ्य विभाग में तैनात जय चंद द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.

वहीं आज भी पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक हाई प्रोफाइल मामले के फैसले पर लोगों की नजर रहेगी. दरअसल मशहूर कवि और आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता कुमार विश्वास की याचिका पर आज हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. मालूम हो कि कुमार विश्वास के खिलाफ पंजाब के रोपड़ में एक केस दर्ज किया गया था. कुमार पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खालिस्तान से संबंध होने के गलत आरोप लगाए थे.

गौरतलब है कि अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद कुमार विश्वास ने हाईकोर्ट में रोपड़ पुलिस के एक्शन के खिलाफ याचिका दायर की थी. कुमार विश्वास ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला राजनीति से प्रेरित है. पंजाब पुलिस ने कुमार विश्वास के खिलाफ धारा 153, 153, 505, 505 (2), 116 के साथ धारा ही 143, 147, 323 (हमला), 341, 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज कर किया था.

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