In Haryana Stubble Burning Pollution Is Rampant: हरियाणा में हवा की स्थिति खराब
प्रदूषण के कारण दिवाली से पहले ही हरियाणा में हवा की स्थिति खराब हो गई है! गुरुग्राम में वायु की गुणवत्ता (AQI) 500 तक पहुंच गया है! इसका मतलब है कि एक सामान्य व्यक्ति भी बीमार हो सकता है! यही स्थिति फतेहाबाद में भी हुई क्योंकि वहां लोगों का AQI 416 है!
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प्रदेश में PM-10 बढ़ने लगा है। इससे गुरुग्राम और फतेहाबाद में दिक्कतें बढ़ सकती हैं। बिगड़ते हालात को देखते हुए दिल्ली NCR में ग्रैप टू लागू किया गया है! हरियाणा के 14 जिले एनसीआर में आते हैं। इनमें फ़रीदाबाद, गुरूग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाडी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जिंद और करनाल शामिल हैं।
लगातार बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। अब तक प्रदेश में 713 स्थानों पर पराली जलाई जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट की निंदा के बाद हरियाणा सरकार ने भी कुछ कदम उठाए है!
In Haryana Stubble Burning Pollution Is Rampant: सरकार ने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
सरकार ने 26 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया! 11 अधिकारियों को चार्जशीट किया है जबकि 383 अधिकारियों को नोटिस थमाए जा चुके हैं। इसके अलावा, अब तक 186 किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है! और 34 को गिरफ्तार किया गया है।
राज्य के 16 शहरों में AQI 300 से ऊपर है, जिससे लोगों को सांस और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा है। राज्य के 16 शहरों में AQI 300 से ऊपर है। इसमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, अंबाला, बहादुरगढ़, भवानी, हिसार, चरखी दादरी, देहरादून, जिंद, किथल, कुरूक्षेत्र, मंडीखेड़ा, पंचकुला, सोनीपत और यमुनानगर जिले शामिल हैं। वहीं, पानीपत और पलवल में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है।
In Haryana Stubble Burning Pollution Is Rampant: PM 10 इतना खतरनाक की GRAP 4 लगना संभव
PM10 में निर्माण स्थलों, लैंडफिल और कृषि, जंगलों और जंगल की आग, अपशिष्ट भस्मीकरण, औद्योगिक सुविधाओं और अविकसित भूमि से हवाई धूल, पराग और बैक्टीरिया भी शामिल हैं। पीएम 10 कण इतने छोटे होते हैं कि वे गले और फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं। PM10 का उच्च स्तर खांसी, नाक बहने और आंखों में जलन का कारण बन सकता है।
जब PM10 का स्तर ऊंचा होता है, तो हृदय या फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों को लक्षणों में वृद्धि का अनुभव हो सकता है। लक्षणों में घरघराहट, सीने में जकड़न और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। यदि स्थिति बिगड़ती है, तो GRAP-4 पेश किया जा सकता है। जिसका मतलब है कि प्रदूषित हवा से हेल्थ इमरजेंसी के हालात बन सकते हैं।
एक मौसम विशेषज्ञ ने कहा, दिवाली पर ठंड अधिक होगी और ऐसे में सांस लेने में दिक्कतें बढ़ेंगी।
दूसरी ओर, हरियाणा में लगातार मौसम में बदलाव हो रहा है। सुबह-शाम हल्की ठंड रहेगी। हालांकि, उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण अब मौसम और खराब होगा। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक दिवाली के बाद हरियाणा में ठंड बढ़ेगी!
In Haryana Stubble Burning Pollution Is Rampant: प्रदेश मे अधिकतम तापमान सामान्य
प्रदेश में फिलहाल अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर चल रहा है! वहीं, रात के तापमान में आधा डिग्री की गिरावट आई। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने कहा कि दिवाली के बाद मौसम बदल जाएगा।
सेहत एक्सपर्ट मानते हैं कि जितनी ज्यादा ठंड होगी, PM 10 के कण भारी होने की वजह से निचले स्तर पर रहेंगे, ऐसी सूरत में सांस लेने की दिक्कत और बढ़ेगी।
In Haryana Stubble Burning Pollution Is Rampant: पराली जलाने के 13 नए मामले आए
रविवार को राज्य में पराली जलाने के 13 नए मामले सामने आए कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र और यमुनानगर जिलों में पराली जलाने की अधिकतम दो से तीन घटनाएं सामने आईं। फतेहाबाद, जींद और अंबाला जिलों में भी एक-एक मामला सामने आया। पिछले तीन दिनों में हिसार जिले में राहत रही है और कोई मामला सामने नहीं आया है। हिसार में पराली जलाने के मामले में 11 चालान काटे गए हैं! और 11 मामले दर्ज किए गए हैं! मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रेड एंट्री कर दी गई है, जिनसे एमएसपी पर फसल खरीद नहीं की जाएगी।
WHO के मुताबिक वायु प्रदूषण से इन बीमारियों का खतरा
- अस्थमा: सांस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न और खांसी। ऐसा तब होता है जब किसी व्यक्ति के वायुमार्ग अवरुद्ध होने लगते हैं। यह रुकावट एलर्जी (वायु या प्रदूषण) और बलगम के कारण होती है। कई रोगियों में वायुमार्ग में सूजन भी देखी जाती है।
- फेफड़ों का कैंसर: स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) प्रदूषण और धूम्रपान के कारण होने वाला कैंसर है। SCLC का निदान तब किया जाता है! जब यह शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल गया हो। इसके अलावा, नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) तीन प्रकार के होते हैं। एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, बड़े सेल कार्सिनोमा।
- दिल का दौरा: वायु प्रदूषण से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। जहरीली हवा के PM 2.5 के बारीक कण खून में चले जाते हैं। इससे धमनियों में सुजन आ जाती हैं।
- बच्चों में सांस संबंधी समस्या: बच्चों को सांस लेने में समस्या होती है। सांस लेने में सहायता करने वाले अंग: यह नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है। बच्चों में इस बीमारी के विकसित होने का खतरा अधिक होता है। इस बीमारी से ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत हो जाती है।
- क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD): क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) एक सांस संबंधी बीमारी है! जिससे मरीजों के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है। यह बहुत खतरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा लोगों की मौत सीओपीडी से होती है!
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