नई दिल्ली. बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना हर मां-बाप का सपना होता है. अगर क्षमता है तो मां-बाप उन्हें अच्छी शिक्षा के लिए विदेश भी भेजते हैं. अगर आपने बेटी को विदेश पढ़ने भेजा है और उसके खर्चों के लिए हर महीने पैसे भेजते हैं तो क्या इस पर भी आपको टैक्स देना पड़ेगा. देश में तो बच्चों की पढ़ाई के लिए दी गई फीस टैक्स छूट के लिए मान्य होती है, लेकिन विदेश में भेजे गए पैसों पर भी क्या टैक्स छूट मिलेगी.
संदीप जैन का कहना है कि विदेश में बच्चों या किसी भी सदस्य को भेजा गया पैसा गिफ्ट के रूप में माना जाता है. इसका मतलब है कि आपने जो पैसे अपनी बेटी को भेजे हैं, उसे बतौर गिफ्ट माना जाएगा. इनकम टैक्स विभाग में गिफ्ट पर एक निश्चित सीमा तक टैक्स छूट दिए जाने का प्रावधान है.
कितने तक गिफ्ट टैक्स फ्री
इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में 50 हजार रुपये की कीमत तक दिया गया तोहफा टैक्स के दायरे से बाहर रहेगा. इस सीमा तक गिफ्ट लेने वाले को उस पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. भले ही यह गिफ्ट एकसाथ लिया गया हो या फिर कई बार में मिला हो. 50 हजार की सीमा से ज्यादा का गिफ्ट लिया गया तो पूरी रकम गिफ्ट पाने वाले की आमदनी में जोड़ दी जाएगी और उस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स वसूला जाएगा. यहां ध्यान रखना होगा कि अगर कुल वैल्यू 50 हजार से ज्यादा होगी तो इसमें 50 हजार तक मिलने वाली छूट की सीमा भी शामिल नहीं की जाएगी.
तो क्या बिटिया को देना पड़ेगा टैक्स
अब सवाल ये उठता है कि विदेश में पढ़ाने के लिए तो आपको मोटी रकम हर साल बच्चों के पास भेजनी होती है, जिसका इस्तेमाल वे अपने खर्चों के लिए करते हैं. ऐसे में क्या आपकी तरफ से बेटी को भेजे पैसों पर उसे टैक्स देना पड़ेगा. इसका जवाब भी इनकम टैक्स की वेबसाइट और कानून में साफ लिखा है. दरअसल, इनकम टैक्स विभाग कुछ रिलेशन में दिए पैसों पर गिफ्ट की बड़ी सीमा तक छूट देता है.
क्या कहता है आयकर कानून
आयकर कानून के हिसाब से पिता का रिश्ता भी खास रिलेटिव में आता है और उसकी ओर से बच्चों के दिए गए पैसों को इनकम टैक्स की श्रेणी में नहीं लिया जाता. इसका मतलब है कि बेटी को विदेश में पढ़ाने के लिए जो पैसे आप भेज रहे हैं, उस पर किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं वसूला जाएगा. यानी बेटी के पास भेजे आपके पैसे इनकम टैक्स दायरे से बाहर रहते हैं. एक वित्तवर्ष में 2.5 लाख डॉलर तक की रकम विदेश में अपने रिश्तेदारों को भेजी जा सकती है. यह इनकम टैक्स के दायरे से भी बाहर रहती है.