
हरियाणा में विभिन्न्न जिलों की दूसरे राज्यों के साथ लगती सीमाओं पर अब स्वास्थ्य विभाग के नाके भी लगाए जा रहे हैं, ताकि हर किसी की जांच हो। दूसरे राज्य से हरियाणा में कृषि कार्यों के लिए आने वाले लोगों की बॉर्डर पर ही स्वास्थ्य जांच हो सके। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बॉर्डर पर तंबू गाड़कर इन स्वास्थ्य नाकों को संचालित किया जा रहा है। जहां स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी जांच के लिए लगाई जा रही है।
दूसरे राज्यों से आने वाली कंबाइन मशीनों को बॉर्डर पर ही सैनिटाइज करने के बाद इसे ऑपरेट करने वाले लोगों और मजदूरों की पूरी तरह से स्वास्थ्य जांच की जाएगी। उसके बाद उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर हरियाणा में एंट्री दी जाएगी। इसी कड़ी में अब स्वास्थ्य नाके लगाकर ऐसे लोगों के स्वास्थ्य की जांच बॉर्डर पर ही की जा रही है।
एसोसिएशन की राज्य प्रधान ओमपति कादियान व प्रवक्ता संदीप कुंडू ने बताया कि इन स्वास्थ्य नाकों परबहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी शिद्दत के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। इतना ही नहीं गांव-गांव में जाकर ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है। उनके अनुसार बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी लोगों को सैनिटाइजेशन के बारे में जागरूक कर रहे है।
विशेष रूप से फसली सीजन होने के कारण दूसरे पड़ोसी राज्यों व विभिन्न जिलों से कंबाइन व हार्वेस्टर चालक गेहूं कटाई के लिए आ रहे हैं। विभिन्न नाकों पर ही पुलिस जवानों के साथ तैनात स्वास्थ्यकर्मी कृषि उपकरणों कंबाइन, ट्रैक्टर व हार्वेस्टर को सैनिटाइज करने बारे प्रेरित कर रहे हैं। इसके अलावा खेत में जाकर भी इन चालकों के स्वास्थ्य का विवरण या अन्य कोई समस्या आदि की पूरी डिटेल ले रहे है। स्वास्थ्यकर्मी लगातार इनके स्वास्थ्य को रोज ट्रैक करने का बीड़ा भी उठाए हुए हैं।
नई रोडवेज बसों में आखिरी सीट स्लीपर, सामान रखने के लिए डिग्गी भी
हरियाणा रोडवेज की नई बसों में अब आखिरी सीट स्लीपर होगी। चालक, परिचालकों के आराम करने के लिए ये सीट बनाई गई हैं। परिवहन विभाग ने यह व्यवस्था रोडवेज बसों में पहली बार की है। इसके साथ ही नई बसें अब डिग्गी के साथ आएंगी। अभी तक रोडवेज बसों में डिग्गी नहीं होती थी। यात्रियों को बस के भीतर ही अपना सामान रखना पड़ता था।
रोडवेज बसों में छत पर सामान रखने की सुविधा भी कम ही है। इसके चलते चालक, परिचालकों की यात्रियों के साथ नोकझोंक होती थी। इससे अब छुटकारा मिलेगा। साथ ही चालक, परिचालक ढंग से आराम भी फरमा सकेंगे। चूंकि, स्लीपर सीट न होने से उन्हें रात में सोने या रूट पूरा होने पर आराम में दिक्कत आती थी। वे यात्री सीट पर ही सोते थे या रात में बस की छत का सहारा लिया जाता था।
हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया ने कहा कि रोडवेज कर्मचारी देश भर में 68 सरकारी व अर्ध सरकारी विभागों में यात्रियों को परिवहन सेवा देने में एक नंबर पर हैं। गुरुग्राम स्थित हरियाणा रोडवेज इंजीनियरिंग कारपोरेशन के कर्मचारी हमेशा ही अन्य प्रदेशों की सरकारी व प्राइवेट बसों से हरियाणा रोडवेज की बसों की बाडी मजबूत, सस्ती व सुविधाजनक बनाने में मशहूर हैं। पंजाब रोडवेज की बसें भी यहां बनती हैं। रोडवेज 42 श्रेणियों को मुफ्त व सब्सिडी पर यात्रा करवाती है।
उन्होंने कहा कि एचईआरसी कर्मचारी हमेशा से ही बस की शानदार और मजबूत बॉडी बनाने के लिए मशहूर रहे हैं। स्लीपर सीट से कर्मचारियों व डिग्गी से यात्रियों को काफी फायदा होगा। लंबे रूट की सवारियां सामान डिग्गी में रखकर आराम से यात्रा कर सकेंगी। अभी बहुत दिक्कत होती थी। परिचालक का बस में चलना मुश्किल हो जाता था। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ एवं आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन की राज्य कमेटी ने आभार व्यक्त किया है।