
चंडीगढ़ – पी जी आई चंडीगढ़ द्वारा हरियाणा के कोरोना पीड़ितों को इलाज के लिए न लिए जाने व मना करने का मामला चर्चा की विषय बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार हरियाणा सरकार इस मुद्दे पर पी. जी. आई प्रशासन से संवाद कर इस मसले को हल करने का प्रयास कर रहा है। हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि पी जी आई ने कोरोना मरीजो को दाखिल नही किया है। इस मामले को हल करने की कोशिश जारी है। हरियाणा में 9 COVID-19 हस्पताल बनाये गए हैं। जहां केवल कोरोना पीड़ितों का ही इलाज होगा। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता का कहना है कि पी. जी. आई हम सब का सांझा संस्थान है। यह पता लगाया जाएगा कि पी जी आई ने ऐसा क्यों किया है। जरूरत पड़ी तो केंद्रीय स्वास्थय मंत्री हर्ष वर्धन से भी बात की जाएगी।
मंगलवार को पंचकूला से एक कोरोना मरीज को जब चंडीगढ़ पी जी आई रेफर किया गया तोपी जी आई ने हरियाणा के कोरोनो पीड़ितों को लेने से मना किया। जिसके बाद यह विकट स्थिति पैदा हुई। पी जी आई चंडीगढ़ पर कोरोना की महामारी के बाद चंडीगढ़, पँजाब के कोरोना मरीजों का भी भारी दबाव है। पी जी आई चंडीगढ़ हरियाणा, पँजाब,केंद्र व यू टी की वित्तीय मदद से चलती है। पी जी आई चंडीगढ़ हरियाणा, पँजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर इत्यादि प्रान्तों के सभी प्रकार की बीमारियों के लिए वरदान मानी जाती है। यही कारण है कि दूर-दराज से मरीज यहां पहुंचते हैं।
पीजीआई चंडीगढ़ पूरे 57 वे साल में जनता की सेवा कर रक्षा है। वर्ष 1963 में नेहरू हॉस्पिटल से शुरू हुआ इसका सफर आज पंजाब के संगरूर में सेटेलाइट सेंटर तक पहुंच गया है। नेहरू हास्पिटल के बाद रिसर्च ब्लॉक ए, रिसर्च ब्लॉक बी, एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर, एडवांस कार्डियक सेंटर, आई सेंटर और ओपीडी की बिल्डिंग का विस्तार हुआ है। आने वाले सालों में कई और बिल्डिंगें पीजीआई में बनकर तैयार हो जाएंगी। सारंगपुर में भी 50 एकड़ जमीन मिल चुकी हैं।
यहां पर ओपीडी, इमरजेंसी, कैंसर व अन्य सेंटरों का विकास होना है। अपने 56 साल के इस सफर में पीजीआई ने न सिर्फ देश में बल्कि विश्वभर में सफलता के कई नए आयाम तय किए।
पीजीआई के कई ऐसे डिपार्टमेंट हैं, जो देशभर में नंबर वन हैं। उनके सामने एम्स भी कहीं नहीं ठहरता। पीजीआई ने कई ऐसे डॉक्टर तैयार किए, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में मरीजों की सेवा कर पीजीआई का नाम रोशन कर रहे हैं। हालांकि पीजीआई के सामने कई चुनौतियां भी खड़ी हैं। आइए, पीजीआई की 56 साल की उपलब्धियों और चुनौतियों पर नजर डालते हैं। पीजीआई में देश के सात से ज्यादा प्रदेशों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के मरीज शामिल हैं। इसके अतिरिक्त राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल और नेपाल के भी काफी मरीज इलाज के लिए पीजीआई आते हैं