नई दिल्ली. जीएसटी काउंसिल ने 17 दिसंबर को हुई 48वीं बैठक में दाल के छिलके या भूसी से जीएसटी हटाने के सुझाव को मंजूरी दे दी. यह बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई थी और इसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी. इस बैठक में विभिन्न राज्यों व केंद्रीय शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी शामिल हुए थे. दाल के छिलकों से जीएसटी हटाए जाने की सूचना राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने जीएसटी परिषद की बैठक खत्म होने के बाद दी.
पिछले काफी समय से व्यापारी इसकी मांग कर रहे थे. इस फैसले से उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है. पहले दाल के छिलकों पर 5 फीसदी जीएसटी लगता था. बता दें कि दालों की भूसी का इस्तेमाल पोल्ट्री फार्मिंग में किया जाता है. यानी अब मुर्गियों को दिए जाने वाला दाना सस्ता हो जाएगा. बैठक में इसके अलावा भी कई मुद्दों पर चर्चा हुई और कई अन्य फैसले लिए गए. परिषद ने जीएसटी कानून के तहत कई मामलों को अपराध की श्रेणी से भी बाहर कर दिया है.
बैठक में लिए गए कौन से फैसले
जीएसटी काउंसिल ने उपरोक्त 2 फैसलों के अलावा आम लोगों को एक और बड़ी राहत दी. अब जीएसटी कानून के तहत किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा को न्यूनतम 2 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसका मतलब है कि जीएसटी कानून के तहत अगर किसी व्यक्ति पर धोखाधड़ी का संदेह होता है लेकिन इस मामले में शामिल रकम 2 करोड़ रुपये से कम है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं शुरू की जाएगी. बैठक में चर्चा किए गए 15 मुद्दों में से 8 पर फैसला लिया गया. परिषद ने एसयूवी की नई परिभाषा भी इस बैठक में दी.
गुटखा-पान मसाला पर कोई फैसला नहीं
बैठक में इस बार भी पान मसाला व गुटखा व्यावसायों द्वारा कथित तौर पर की जा रही टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए प्रस्तावित अपीलीय प्राधिकरण पर कोई फैसला नहीं हो पाया. इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोई नया टैक्स नहीं लगाया जा रहा है. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया कि बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी बढ़ाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. दरअसल, इस संबंध में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और ऑनलाइन गेमिंग व कैसिनो पर जीएसटी को बढ़ाकर 28 फीसदी करने की सिफारिश की थी. हालांकि, इसमें कुछ बातों पर अब भी मतभेद बना हुआ है.