
इंडिया ब्रेकिंग/करनाल रिपोर्टर(सिमरजीत कौर) प्रॉपर्टी टैक्स बकायादारों को एकमुश्त बकाया जमा करवाने पर समस्त ब्याज की छूट का लाभ देने की सरकार की घोषणा और नगर निगम की सख्ती के चलते बीती 25 जनवरी तक 12 करोड़ 40 लाख रूपये की राशि निगम के खजाने में जमा हो चुकी है। ब्याज में छूट की अवधि को मात्र 4 दिन बचे हैं। इस दौरान यदि बकायादारों का टैक्स जमा करवाने में रूझान रहा, तो उपरोक्त राशि 13 करोड़ का आंकड़ा पार कर सकती है। चालू मास जनवरी के दौरान इस अवधि में करीब 94 लाख रूपये की राशि टैक्स के रूप में जमा हुई।
उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त (एडिनशल चार्ज) निशांत कुमार यादव ने सोमवार को पुन: ऐसे प्रॉपर्टी टैक्स बकायादार, जिन्होंने अब तक अपने बकाया टैक्स को जमा नहीं करवाया है, से अपील करते हुए कहा कि सरकार की ओर से बकायादारों को राहत देने के मकसद से दो बार टैक्स में छूट का लाभ देने की घोषणा की गई। जैसा कि चालू वित्त वर्ष में करीब दो महीने बचे हैं, 31 जनवरी के बाद सरकार की ओर से ब्याज में छूट की अवधि को ना बढ़ाया जाए। इसलिए समझदारी इसी में है कि प्रॉपर्टी टैक्स बकायादारों को स्वेच्छा व ईमानदारी से अपना टैक्स नगर निगम के कार्यालय में जमा करवाकर ब्याज की छूट का लाभ लेकर सुनहरी मौके का फायदा उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बकाया पर समस्त ब्याज की छूट के साथ-साथ 10 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी दी जा रही है, इसकी अवधि भी 31 जनवरी को समाप्त होगी। इसके बाद इस अवधि तक टैक्स ना भरने वालो को अगले दो महीनो में प्रॉपर्टी टैक्स की रकम के साथ भारी भरकम ब्याज भी भरना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि अगले 4 दिनो में 30 जनवरी को बसंत पंचमी की सरकारी छुट्टी होने के बावजूद भी नागरिकों की सुविधा के लिए निगम के कार्यालय में टैक्स जमा करने के लिए सभी काउंटर खुले रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सर्वे के बाद भी कई नागरिकों के बिलो में त्रुटि के मामले सामने आए हैं, जो निगम की टैक्स शाखा में सम्पर्क करने पर दुरूस्त किए जा रहे हैं। इसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति के पास गलती से किसी ओर का नोटिस प्रेषित हो जाता है, तो उसकी सूचना भी निगम कार्यालय में दे सकते हैं, ताकि सम्बंधित नोटिस उपयुक्त व्यक्ति के घर या संस्थान में पहुंचाया जा सके।
दूसरी ओर नगर निगम की कर शाखा से डिफाल्टर संस्थानो को दोबारा नोटिस भेजने की कार्रवाई भी जोर-शोर से की जा रही है, ताकि नोटिस की प्राप्ति के बाद वे अपना टैक्स अदा कर सकें। बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी जो संस्थान सुस्ती दिखाएगा, उसके खिलाफ सरकार के निर्देशो की अनुपालना में चल सम्पत्ति व बैंक खाते सील करने जैसी कार्रवाई अवश्यमेव की जाएगी।