12वीं पास छात्रों के लिए खुशखबरी, टाटा मोटर्स इस योजना के तहत दे रही है नौकरी, जानिए पूरी डिटेल

मुंबई. टाटा मोटर्स ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) से पढ़ाई कर रहे है छात्रों की भर्ती करना शुरू कर दी है. 12वीं पास इन छात्रों को अब ITI में ट्रेनिंग के बाद सीधे नौकरी मिल रही है. दरअसल कंपनी ने अपनी फैक्ट्री में अस्थायी श्रमिकों को काम पर रखने के बजाय आईटीआई से ट्रेनिंग लेने वाले छात्रों को प्राथमिकता दी है.

टाटा मोटर्स आटीआई और कक्षा 12वीं की पढ़ाई कर रहे इन छात्रों की भर्ती केंद्र सरकार की कौशल्य स्कीम के तहत कर रही है. इस पहल के जरिए छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी के अवसर दिए जा रहे हैं.

फैक्ट्रियों में आईटीआई के 8 हजार से ज्यादा छात्र

टाटा मोटर्स के एचआर डिपार्टमेंट के अधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा, “अब हम सरकार की कौशल्य योजना के तहत दूरदराज के इलाकों से 12 वीं कक्षा और आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) स्नातकों को काम पर रख रहे हैं, जहां हम उन्हें नौकरी पर ट्रेनिंग भी देते हैं और उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने में सक्षम बनाते हैं.

इन श्रमिकों को लेटेस्ट डिजिटल स्किल की ट्रेनिंग दी जा रही है. भारत में टाटा मोटर्स की सात फैक्ट्रियों में 14,000 अस्थायी कर्मचारी हैं, जो जिनमें 8,000 आईटीआई और कक्षा 12वीं के छात्र हैं. टाटा मोटर्स में यह कार्यक्रम दो साल पहले शुरू हुआ था.

टाटा मोटर्स के सीएचआरओ ने न्यूज पोर्टल मिंट को बताया कि, ऑटो प्लांटों में अस्थायी कर्मचारी आमतौर पर सात से नौ महीने के अनुबंध पर काम करते हैं, इसकी शुरुआत कोरोना महामारी के दौरान हुई. उन्होंने कहा, “कोविड -19 के दौरान, एक ऐसा चरण था जब अस्थायी कार्यबल प्राप्त करना बहुत मुश्किल था क्योंकि उनमें से कई प्रवासी थे और वे घर चले गए.

नेशनल एप्रेंटिस प्रमोशन स्कीम और नेशनल एप्रेंटिस टेस्टिंग स्कीम कुछ ऐसे कार्यक्रम है, जिनका उद्देश्य कौशल अंतर को कम करना है. दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) में ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर मासिक मजदूरी प्रदान करने का प्रावधान है. इस योजना से 550 लाख से अधिक ऐसे गरीब ग्रामीण युवाओं को जो कुशल होने के लिए तैयार हैं, स्थायी रोजगार प्रदान करने के द्वारा लाभ होगा

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