
अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण लोग घरों से बाहर कम निकले। इसके बावजूद 2020 में पिछले साल के मुकाबले हत्या के अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। बताना लाजमी है कि लगातार महिलओं , बेटियों के साथ हो रहे दुष्कर्म के मामले बढ़ते जा रहे है। तो वहीं दूसरी तरफ इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। बिहार के मधुबनी जिले में चारा लेने गई 17 साल की दिव्यांग किशोरी से कुछ लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया।
इसके बाद पहचान छिपाने के लिए उसकी आंखों को निर्दयता से लकड़ी का टुकड़ा घुसाकर फोड़ दिया और मरने के लिए फेंककर फरार हो गए। किशोरी को दरभंगा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक, लड़की की एक आंख लकड़ी घुसाकर पूरी तरह फोड़ दी गई हैं, जबकि दूसरी की भी रोशनी चले जाने का खतरा है। इसके अलावा उसके चेहरे पर भी गंभीर घाव बन गए हैं। घटना मधुबनी जिले के हरलाखी थाना क्षेत्र में घटित हुई है।
पीड़िता के परिजनों के मुताबिक, बिहार बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रही किशोरी बोलने और सुनने में अक्षम है। मंगलवार दोपहर को वह बकरी के लिए चारा और जलावन की लकड़ी लेने नजदीक के गांव मनहरपुर की तरफ नदी किनारे गई थी। उसी दौरान कुछ दरिंदों ने उसे अपना शिकार बना लिया। किशोरी के बहुत देर तक नहीं लौटने पर तलाश में निकले परिजनों को वह एक बगीचे में लहूलुहान हालत में पूरी तरह नग्न अवस्था में बेहोश मिली। परिजनों ने उसे तत्काल उमगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर अजीत कुमार सिंह ने उसका उपचार किया और हालत गंभीर देखकर मधुबनी सदर अस्पताल भेज दिया।
मधुबनी सदर अस्पताल से किशोरी को दरभंगा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। हरलाखी थानाध्यक्ष प्रेमलाल पासवान ने बताया कि दुष्कर्म में शामिल एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसकी पहचान लक्ष्मी मुखिया के तौर पर की गई है। किशोरी के परिजनों ने उसे घटना के समय नदी की तरफ से आते हुए देखा था और उसके शरीर व कपड़ों पर मिट्टी और गेहूं के खेत की घास लगी हुई थी। उन्होंने बताया कि घटना की जांच की जा रही है और पकड़े गए युवक से अन्य आरोपियों के नाम पूछे जा रहे हैं।