अर्थी से लेकर अस्थि विसर्जन तक, यह कंपनी कराती है अंतिम संस्कार, जानें कितना है चार्ज

देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 41वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला यानी इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF 2022) चल रहा है.

27 नवंबर तक चलनेवाले इस ट्रेड फेयर में एक से बढ़कर एक स्टॉल लगे हैं. इस साल फेयर में लगभग 2,500 घरेलू और विदेशी प्रोडक्ट्स की प्रदशर्नी है. इसमें संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन सहित कई देशों के एक्जीबिटर्स शामिल हैं.

पैसे देकर कराया जा सकता है अंतिम संस्कार

लेकिन दिल्ली ट्रेड फेयर में सुखांत फ्यूनरल मैनेजमेंट कंपनी के सामने लगी अर्थी लोगों को अपनी ओर खींच रही है. यह कंपनी अंतिम संस्कार की सेवाएं देती है. दरअसल, मृत्यु के बाद किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उसके परिवार की होती है. परिजन को ही अंतिम संस्कार का अधिकार होता है. लेकिन नये जमाने में सब बदल गया है. अब अंतिम संस्कार भी पैसे देकर कराया जा सकता है. अंतिम संस्कार कराने वाली कंपनी भी बाजार में आ गई है. लोग कुछ रकम खर्च कर अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी कर सकते हैं.

कंपनी देती है ये सेवाएं

सुखांत फ्यूनरल मैनेजमेंट की खास बात यह है कि अर्थी को कंधा देने से लेकर, साथ में चलनेवाले, ‘राम नाम सत्य हैबोलने वाले और पंडित – नाई, सब कंपनी की तरफ से मिल जाएंगे. यही नहीं, मरनेवालों की अस्थियों का विसर्जन भी कंपनी ही करायेगी. इसका मतलब यह कि अंतिम संस्कार से जुड़ी जितनी भी रस्में हैं, वो सभी कंपनी की तरफ से ही करायी जाएंगी. सोशल मीडिया पर आयी जानकारी के अनुसार, अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्थाओं के लिए फीस कंपनी ने 37,500 रुपये रखी है.

sukhant funeral management viral on social media

कंपनी का आइडिया सोशल मीडिया में वायरल

सुखांत फ्यूनरल मैनेजमेंट कंपनी रेडिमेड अर्थी की सुविधा भी दे रही है, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही हैं. इस अलग तरीके के आइडिया को यूजर्स नया और अनोखा स्टार्टअप बता रहे हैं. लोग इस पर अपने-अपने ढंग से रिएक्ट कर रहा है. कोई कह रहा है- मरने के बाद शव को जिस चीज की जरूरत होती है, वो सब मुहैया कराएगी. यानी कि यह मरने के बाद की मैनेजमेंट कंपनी है. कोई कइ रहा है- जहां शव को कंधा देने के लिए अगर चार लोग भी इकट्ठा नहीं हो पाएं, तो सुखांत फ्यूनरल मैनेजमेंट से संपर्क करें. वहीं, कोई कह रहा है कि हे भगवान, यही देखना बाकी था. संयुक्त के बाद एकल और अब एकल परिवार में भी अकेले रहनेवाले लोगों और ऐसे समाज के लिए यह नया स्टार्टअप जरूरी हो चला है.

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