
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) और लॉकडाऊन (Lockdown) के चलते क्या स्कूल और क्या कॉलेज-इंस्टीटयूट सभी जगह ऑनलाइन क्लासेस शुरु हो गई हैं। अपवाद के रूप में कुछ कॉलेज छोड़ दें तो मौजूदा हालात में लगभग सभी कॉलेज ऑनलाइन क्लासेस दे रहे हैं। लेकिन इस संबंध में केन्द्र सरकार (Central Government) ने ऑनलाइन क्लासेस चलाने के लिए एक नियम लागू किया है।
जो कॉलेज और इंस्टीट्यूट इस नियम का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सिर्फ दो तरह के कॉलेज और इंस्टीट्यूट वालों को ही ऑनलाइन क्लासेस (Online Classes) चलाने की अनुमति होगी। अनुमति न लेने पर विभाग कार्रवाई भी करेगा।
इस नियम का पालन करने पर ही चला सकेंगे ऑनलाइन क्लासेस
शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी किया है। विभाग के अनुसार देशभर में सिर्फ दो तरह के कॉलेज और इंस्टीट्यूट वालों को ही ऑनलाइन क्लासेस चलाने की अनुमति होगी। पहली कैटेगिरी में वो 100 कॉलेज और इंस्टीट्यूट होंगे जिन्हें नेशनल इंस्टीटयूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क में 1 से लेकर 100वीं तक रैंक मिली हो।
दूसरी वो कैटेगिरी है जिसमे किसी भी कॉलेज को यूजीसी की एनएएसी (NAAC) टीम ने 3.1 से 3.25 तक स्कोर दिया हो। ऐसे में जो कॉलेज और इंस्टीट्यूट इस कैटेगिरी से बाहर हैं तो वो ऑनलाइन क्लासेस नहीं चला सकेंगे। सोमवार को लोकसभा में सवाल-जवाब के दौरान भी शिक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
ऑनलाइन क्लास के लिए रोज पहाड़ पर चढ़ता है हरीश
कोरोना के कारण पिछले काफी समय से स्कूल बंद हैं और स्कूलों में स्टूडेंट्स की भीड़ कब दिखेगी, इस बारे में भी कोई नहीं जानता। ऐसे में स्टूडेंट्स की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित न हो, इसीलिए स्कूल ऑनलाइन क्लासेस की जरिए पढ़ाई करवा रहे हैं। ज्यादातर स्टूडेंट्स तो आसानी से घर पर बैठकर ऑनलाइन क्लास में शामिल हो जाते हैं, मगर कुछ को ऑनलाइन क्लास में शामिल होने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है।
ऐसे ही एक स्टूडेंट की कहानी ने भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का ध्यान अपनी ओर खींचा था। सहवाग ने राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले लड़के हरीश के संघर्ष की कहानी शेयर की थी। कैसे हरीश ऑनलाइन क्लास में शामिल होने के लिए रोज पहाड़ पर चढ़ते हैं, ताकि इंटरनेट मिल सके और वो ऑनलाइन क्लास में शामिल हो सके।