
नई दिल्ली. कई बार भारी बारिश, आंधी, तूफान या किसी दूसरी प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसल खराब हो जाती है. फसल नष्ट होने से किसान कई मुश्किलों से घिर जाता है और आर्थिक रूप से वह टूट जाता है. किसानों की इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) शुरू की है. इस योजना के तहत किसान बहुत कम पैसे देकर अपनी फसल का बीमा करवा सकता है.
बीमित फसल नष्ट होने के बाद बीमा कंपनी उसके नुकसान की भरपाई करती है. शुरुआत में सरकार ने बैंकों से लोन लेने वाले किसानों के लिए अपनी फसल का बीमा कराना अनिवार्य कर दिया था. परंतु, अब यह किसान की मर्जी पर निर्भर करता है कि वह अपनी फसल का बीमा कराए या नहीं. अधिकतर किसान अपनी फसल का बीमा कराते हैं.
कैसे कराएं बीमा?
पीएम किसान फसल बीमा योजना के तहत फसल का बीमा कराना काफी आसान है. जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड बना रखा है या कोई अन्य कृषि ऋण ले रखा है तो वे उसी बैंक से अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं. इसके लिए उन्हें कुछ ज्यादा नहीं करना होगा. बस बैंक में एक फॉर्म भरना होगा. बैंक के पास किसान की जमीन और अन्य कागजात होते हैं, इसलिए आसानी से बीमा हो जाता है.
जिन किसानों ने लोन नहीं ले रखा है, वे भी किसी भी बैंक से यह बीमा करा सकते हैं. हर जिले में सरकार ने फसल बीमा करने के लिए एक या एक से अधिक बीमा कंपनियों को अधिकृत कर रखा है. बैंक इनके संपर्क में रहते हैं. किसान बैंक में आधार कार्ड, जमीन से संबंधित कागजात, पटवारी से लिया गया खेत में बोई गई फसल का विवरण और वोटर कार्ड जैसी आईडी ले जाकर फसल बीमा करवा सकता है.
कैसे लें क्लेम?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान को दो तरह से बीमा क्लेम मिलता है. पहला, प्राकृतिक आपदा से फसल नष्ट होने पर और दूसरा, औसत आधार पर फसल कम होने पर. औसत आधार पर फसल कम होने पर किसान के खाते में बीमा कंपनी अपने आप ही पैसे डाल देती है. इसके लिए किसान को कहीं आवेदन करने की जरूरत नहीं होती.