
करनाल : फर्जी आई.डी., टी.ए. बिल बनाकर लाखों रुपयों के हेरा-फेरी के मामले में गिरफ्तार अकाऊंट ब्रांच में कार्य करने वाले दोनों आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को कोर्ट के आदेश पर 3 दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। इस मामले की जांच के लिए एस.पी. सुरेंद्र सिंह भौरिया ने एस.आई.टी. गठित कर दी है। एस.आई.टी. इंचार्ज इंद्री डी.एस.पी. रणधीर सिंह को नियुक्त किया है। पुलिस इस मामले में ज्यादा कुछ बता नहीं रही है.
पुलिस के अनुसार एस.पी. को जिला करनाल कार्यालय की अकाऊंट ब्रांच में पैसे की हेरा-फेरी के संबंध में शिकायत मिली। मामले की प्रारंभिक जांच डी.एस.पी. राजीव कुमार को सौंपी गई। जांच में सच्चाई पाए जाने पर सिविल लाइन थाने की ब्रांच में कार्य करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच के दौरान 2 आरोपी राजबीर सिंह व साहब सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।
ब्रांच में कार्य करने वाले उक्त 2 कर्मचारियों पर आरोप है कि 2016 से लाखों का गबन करने में जुटे थे। मामला तब उजागर हुआ जब 2 चतुर्थ कर्मचारियों के खातों में टी.ए.-डी.ए. के नाम पर लाखों रुपए डाल दिए। मामला संज्ञान में आते ही पुलिस अधिकारी जांच में जुट गए। मामले की परतें जैसे ही खुली तो पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया। गिरफ्तार किए आरोपी पुलिस कर्मचारियों द्वारा बलवान सिंह व सुमित कुमार के नाम से अलग आई.डी., फर्जी आई.डी. बनाकर लाखों रुपए निकाल लिए।
जांच में पता चला कि इस नाम के पुलिस कर्मचारी तो करनाल में है ही नहीं। इंद्री, डी.एस.पी. रणधीर सिंह ने बताया कि अकाऊंट ब्रांच में हुए हेरा-फेरी के मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से आरोपियों से पूछताछ के लिए 3 दिन का रिमांड हासिल किया है। जल्द ही मामले के संबंध में सारी जानकारी बता दी जाएगी। फिलहाल मामले की जांच जारी है।