
लॉकडाउन के दौरान दुनिया के अधिकतर लोग घरों में कैद हैं । मनोरोग विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौर में मन को शांत रखना और संयम के साथ जिंदगी बिताना सभी के लिए चुनौतीपूर्ण है। व्यक्ति कितनी भी कोशिश कर ले। एक वक्त में स्थिति ऐसी होती है कि वो ऊब जाता है। इससे वह चिंता में डूब सकता है जिसके कारण अवसाद (डिप्रेशन) में जा सकता है।
ब्रिटेन के साइकोलॉजिस्ट डॉ. माइकल सिनक्लेयर तौर-तरीके बता रहे हैं जिनका पालन कर जिंदगी को लॉकडाउन के बीच भी चिंतामुक्त, खुशहाल और स्वस्थ रखा जा सकता है।
- चिंतामुक्त व खुशहाल रहें… हमेशा मन की न सुनें
सोचें कि मन कहानी सुना रहा है उसमें कुछ सच्चाई नहीं है
ये न सोचें मैं बीमार हो जाऊंगा
नकारात्मक न सोचें
खुद को व्यस्त रखने के लिए जो मन में आए वो करें अच्छा लगेगा
घर-परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ बात करें, उनको वक्त दें
परिवार से नियमित संपर्क में रहें
हर वक्त चिंतित न हों
- वायरस से जुड़ी बातें जानने से पूरी तरह नहीं बचना होगा
दुनिया में क्या चल रहा है जरूर जानें पर दिन में एक बार
कोरोना पर कम सोचें इससे चिंता और निराशा दूर होगी
बार-बार जानकारी लेने के लिए अलग-अलग वेबसाइट न देखें
किसी अपने को फोन करते हैं तो उससे भी इस बारे में बात न करें
आराम से बैठें, मन शांत रखें
- ज्यादा सोचेंगे तो चिंता बढ़ेगी। इससे बचने के लिए ध्यान लगाएं।
घबराहट महसूस हो तो आराम से बैठकर मन शांत रखें
10 सेकंड तक सांस को रोके फिर उसे छोड़ें, दोहराएं
ऐसा करने से चिंता और डर दूर होगा, अच्छा महसूस करेंगे
- बदलें रोजाना की आदतें…
गैजेट्स से दूर रहें, किताब पढ़ें और अपने गार्डन या बालकनी में बैठें।
संगीत सुनें अथवा खुद ही कोई इंस्ट्रूमेंट प्ले करें।
स्वस्थ हैं और तो क्षमतानुसार व्यायाम करें
नियमित समय पर पौष्टिक आहार लेने के साथ पूरी नींद जरूर लें
घर में पेड़-पौधे हैं तो उनकी देखभाल करें, उनकी जगह बदलें
आसपास के लोगों से छत से ही बात करें लेकिन कोरोना पर नहीं
- गैजेट्स के इस्तेमाल में भी बरतें सावधानी
मोबाइल की टच स्क्रीन और घर की खिड़की का कांच भी हमेशा साफ रखने कि कोशिश करें। कोरोना वायरस से बचाव सिर्फ हाथ धोने और साफ सफाई रखने से संभव नहीं है। ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ साउथएंप्टन के प्रो. विलियम केविल का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करते वक्त भी सावधानी बरतनी होगी।
हाथ धुलने के बाद फोन का प्रयोग करें लेकिन ध्यान रहे कि इससे पहले फोन को अच्छे से साफ कर लें। अगर आप अपना मोबाइल स्वंय इस्तेमाल करते हैं और कोई दूसरा उसे नहीं छूता है तो संक्रमण का खतरा बहुत अधिक नहीं है।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. तारा स्मिथ कहती हैं कि मोबाइल, लैपटॉप, ग्रिल या कांच की खिड़की, टेबल टॉप को छूने से खतरा है। अगर किसी संक्रमित व्यक्ति का इस पर हाथ लगा है और आपने भी छू दिया तो संक्रमण तय है।
तो आइए जानते हैं कि अभी और भविष्य में हमें किस तरह की सावधानी बरतनी होगी…
यहां भी सावधानी…बैंक में न मांगें पेन, कई लोग न चलाएं लैपटॉप
अस्पताल जाते वक्त गेट के हैंडल को छूने से बचें अथवा दस्ताने पहनें।
कुर्सी या सोफे पर बैठते हैं तो फिर चेहरे को हाथ लगाने से बचें।
बैंक जाते हैं तो फॉर्म भरने के लिए दूसरे से पेन बिल्कुल भी न मांगे।
किसी भी स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक टच स्क्रीन वेंडिंग मशीन का प्रयोग न करें।
अगर संभव हो तो घर पर गैजेट़्स का प्रयोग करना बिल्कुल बंद कर दें।
एक साथ कई लोग गैजेट्स का प्रयोग बिल्कुल न करें।
लॉकडाउन के बाद भी रहना होगा सतर्क
बस, रेलवे स्टेशन पर एक दूसरे से दूर खडे़ रहें
एयरपोर्ट पर वेंडिंग मशीन-बोर्डिंग काउंटर से दूर रहें
विमान के भीतर बैठने पर कहीं हाथ न लगाएं
घर से खाने का सामान लेकर चलें, बाहर खाने से बचें
थोड़ा सा भी तकलीफ महसूस करें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें