
इंडिया ब्रेकिंग/करनाल रिपोर्टर(सिमरजीत कौर) उपायुक्त एवं नगरनिगम के कार्यकारी आयुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि शहर में डेयरी किसी भी कीमत पर रहने नहीं दी जाएंगी। डेयरी संचालक 20 फरवरी से पहले अपना आवेदन करें, आवेदन न करने वाले डेयरी संचालकों को प्लॉट नहीं दिया जाएगा। ड्रा 20 फरवरी को किया जाएगा, डेयरी संचालकों को प्लॉट अलॉटमेंट के बाद 3 महीने के अंदर-अंदर डेयरी शिफ्ट करनी होगी, साफ-सुथरे शहर में गंदगी से निजात पाना केवल नगरनिगम का नहीं बल्कि हम सभी का दायित्व है, सभी इसमें अपनी भूमिका निभाएं।
उपायुक्त शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में करनाल शहर में चलाई जा रही डेयरी संचालकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि डेयरी संचालक डेयरी शिफ्टिंग में आनाकानी न करें। नगरनिगम द्वारा डेयरी संचालकों को सस्ती दर पर प्लॉट देकर एक सौगात दी गई है। डेयरी संचालक इसे नगरनिगम की मजबूरी न समझें बल्कि वह इसे बड़ी सौगात मानें। नगरनिगम द्वारा डेयरी स्थल पर पशुओं की चिकित्सा के लिए चिकित्सालय बनाएगा तथा गोबर का उठान भी करेगा, इतना ही नहीं इस सारी जगह को समतल करके चारदीवारी भी की जाएगी। जो डेयरी संचालक समय पर नगरनिगम की इस योजना का लाभ नहीं उठाएंगे, उसको दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा और न ही उसको शहर में डेयरी चलाने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो डेयरी का काम करते हैं, नगरनिगम द्वारा सर्वे किया गया था, सर्वे के अनुसार उन्हीं डेयरी संचालकों को प्लॉट अलॉट किए जाएंगे जो दुधारू पशु पालते हैं।
उन्होंने कहा कि नगरनिगम करनाल द्वारा 188 प्लॉट पिंगली स्थित डेयरी शिफ्टिंग स्थल पर बनाए गए हैं। यह प्लॉट पशु की क्षमता के अनुसार बनाए गए हैं। सबसे छोटा प्लॉट 250 गज और बड़ा प्लॉट 600 गज का है। नगरनिगम द्वारा एक प्लॉट की कीमत 3300 रुपये प्रति वर्ग गज निर्धारित की गई है जबकि मार्किट रेट काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि डेयरी संचालक 20 फरवरी से पहले-पहले 30 हजार रुपये सिक्योरिटी के साथ अपना आवेदन जमा करवाएं। उन्होंने कहा कि ड्रा के समय प्लॉट की कुल कीमत का 20 प्रतिशत मौके पर जमा करना होगा और 80 प्रतिशत राशि 5 वर्षों में 10 किस्तों के माध्यम से बिना ब्याज नगरनिगम को करनी होगी। उन्होंने डेयरी संचालकों से कहा कोई भी डेयरी के ऊपर अपने रहने का मकान नहीं बना सकता बल्कि एक मंजिल पर लेबर रूम बना सकता है।
इस मौके पर संयुक्त आयुक्त गगनदीप सिंह ने डेयरी संचालकों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि शहर से ड्रा के तीन महीने बाद हर हालत में दूध की डेयरी बाहर निकालना जरूरी है। यदि उसके बाद भी शहर में कोई डेयरी होगी, उसे सील कर दिया जाएगा। पशुओं के गोबर से गंदगी फैलती है और सीवरेज जाम हो रहे हैं, शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार के नियम के अनुसार डेयरी संचालकों को जो भी सुविधाएं अन्य जिलों में दी जा रही है, करनाल के डेयरी संचालकों को वही सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने इसके लिए यमुनानगर शहर से डेयरी सिस्टम की जानकारी के बारे में भी बताया। इस मौके पर डीएमसी धीरज कुमार ने भी डेयरी संचालकों को डेयरी शिफ्टिंग की जानकारी दी।