
कोरोना वायरस की चुनौतियों का सामना करने के लिए रविवार को यूपी के 15 सहित देश के जिन 75 जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं उन्हें भी 31 मार्च तक लॉकडाउन रखने का फैसला हुआ है। जरूरत पड़ने पर 31 मार्च से पहले फिर से जनता कर्फ्यू का आह्वान किया जा सकता है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में राज्यों के कैबिनेट और मुख्य सचिवों की उच्चस्तरीय बैठक हुई।
इस बैठक में कोरोना के रूप में आई महामारी को हर हाल में तीसरे चरण में आने से रोकने पर गंभीर मंथन हुआ। इसमें विभिन्न राज्यों की स्थिति का आकलन किया गया और कोरोना प्रभावित लोगों की संख्या बढने पर ऐसी स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया गया। बैठक में 75 जिलों में लॉकडाउन, एक से दूसरे राज्यों को जोड़ने वाली बस सेवाओं को 31 मार्च तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
पीएमओ सूत्रों के मुताबिक पीएम ने जनता कर्फ्यू का दिन भर फीडबैक लिया। इसे मिली सफलता से पीएम खुश हैं। माना जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर 31 मार्च से पहले पीएम फिर जनता कर्फ्यू की अपील कर सकते हैं। पीएम के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में हुई राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक में भी सभी राज्य सरकारों से अपने अपने राज्यों के स्थिति के अनुरूप लॉक डाउन, धारा 144 सहित अन्य जरूरी फैसले लेनो को कहा गया।
अर्धसैनिक बलों की मूवमेंट 5 तक स्थगित – इस बीच, अर्धसैनिक बलों ने अपने दस लाख जवानों की सभी मूवमेंट को तत्काल प्रभाव से पांच अप्रैल तक स्थगित कर दिया है। जवानों को निर्देश दिया गया है कि वे जहां हैं, वहीं रहें। बलों ने सभी जवानों पर अधिकारियों को घोषणा पत्र भरकर यह बताने को कहा उनके परिवार में से किसी ने हाल में विदेश की यात्रा नहीं की है। अगर किसी ने विदेश यात्रा की है तो उनकी जांच कराई जाए और मामला दर मामला उन्हें आइसोलेशन में रखा जाए। सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और एनएसजी मुख्यालय ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं, ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके।
एनपीआर, जनगणना टलने के आसार – कोरोना वायरस महामारी के खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने की प्रक्रिया व जनगणना का पहला चरण अनिश्चितकाल के लिए टल सकते हैं। एक या दो दिन में इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी हो सकता है। एनपीआर को अपडेट करने व जनगणना का पहला चरण 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक होना है। गृहमंत्रालय के अधिकारी ने रविवार को बताया, उच्च स्तर पर इसको लेकर चर्चा चल रही और सभी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। कोरोना के चलते दोनों प्रक्रियाओं को टाला जा सकता है। पिछले सप्ताह ही गृहमंत्रालय ने कहा था कि जनगणना 2021 व एनपीआर को अपडेट करने की तैयारियां जोरों पर हैं और 1 अप्रैल से इसे शुरू किया जाएगा।
थर्ड स्टेज न आने देने पर मशक्कत – दरअसल, भारत में कोरोना वायरस का कहर फिलहाल दूसरे चरण में है। तीसरे चरण में आने पर स्थिति संभालना बेहद मुश्किल होगा। यही कारण है कि सरकार इस वायरस के कहर को किसी भी सूरत में तीसरे चरण में प्रवेश नहीं करने देना चाहती। खासतौर से रविवार को जिस प्रकार बिहार में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई और पहली बार दो ऐसे कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए जो विदेश से आने वालों के संपर्क में नहीं थे, उससे सरकार का चिंतित होना स्वाभाविक है। गौरतलब है कि तीसरे चरण में यह वायरस सामुदायिक संपर्क से फैलता है जिसका शिकार चीन के बाद इटली और ईरान हुआ।
एलआईसी ने प्रीमियम भुगतान की समयसीमा 15 तक बढ़ाई – कोरोना वायरस के चलते प्रीमियम न भर पाने वाले बीमाधारकों को राहत देते हुए लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एलआईसी) ने प्रीमियम भरने की समयसीमा 15 अप्रैल तक बढ़ा दी है। कंपनी की ओर से रविवार को कहा गया, देश में कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई अभूतपूर्व परिस्थितियों के मद्देनजर जहां ग्राहक ऑनलाइन या अन्य माध्यमों से प्रीमियम का भुगतान करने में असमर्थ हैं, वे अब 15 अप्रैल तक प्रीमियम भर सकते हैं।
अब आगे क्या? – आगे क्या होगा यह सब कोरोना वायरस की स्थिति पर ही निर्भर करता है। अगर इसका प्रभाव बढ़ा तो जिन राज्यों ने लॉकडाउन किया है, वहां इसकी अवधि बढ़ेगी जबकि दूसरे राज्य लॉकडाउन की घोषणा करेंगे। स्थिति नियंत्रण में रहने पर जनता कर्फ्यू, धारा 144 जैसे प्रयोग भी आजमाए जाएंगे। कोरोना के संदर्भ में इस महीने के बाकी बचे 9 दिन बेहद अहम हैं। ऐसे में सरकार इस अवधि के लिए कोई खतरा नहीं उठाना चाहती।