
नई दिल्ली: विश्व बैंक (World Bank) ने कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए भारत को स्वास्थ्य प्रणालियों को दुरुस्त करने के लिए कहा है| इसके लिए खुद विश्व बैंक ने भारत को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है| भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं| देश में कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है| इस चार वर्षीय परियोजना का उद्देश्य महामारी के समय में भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की तैयारियों को विकसित करना है|
विश्व बैंक ने कोरोनो वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए भारत के लिए 7500 करोड़ रुपये (100 करोड़ डॉलर) के इमरजेंसी फंड को मंजूरी दी है| विश्व बैंक ने कहा कि विश्व बैंक की सहायता परियोजनाओं का पहला सेट 1.9 अरब डॉलर का है, जो 25 देशों की सहायता करेगा| वहीं आपातकालीन वित्तीय सहायता का सबसे बड़ा हिस्सा 1 अरब डॉलर भारत को दिया गया है|
भारत में स्वास्थ्य सिस्टम को सही तरह से चलाने के लिए इस प्रोजेक्ट को तैयार किया जा रहा है| जिससे भारत कोविड -19 के खतरे से बच सके| इसके साथ ही सरकार का आकलन है कि आने वाले वर्षों में कोविड -19 जैसे प्रकोप जारी रहेंगे, और इसलिए बीमारी की अगली लहर से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाने की आवश्यकता है|
विश्व बैंक ने कहा कि भारत में 7500 करोड़ रुपये (100 करोड़ डॉलर) का इमरजेंसी फंड बेहतर स्क्रीनिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रयोगशाला डायग्नोस्टिक्स का समर्थन करेगा| साथ ही व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की खरीद करेगा| वहीं दक्षिण एशिया में विश्व बैंक ने पाकिस्तान के लिए 20 करोड़ डॉलर और अफगानिस्तान के लिए 10 करोड़ डॉलर को मंजूरी दी है|