
हरियाणा में ई-टेंडरिंग (Haryana E Tendering) मामले पर सीएम मनोहर लाल खट्टर और सरपंचों के बीच पांच घंटे की बैठक हुई। शाम 6 बजे शुरू हुआ बातचीत का दौर रात लगभग 11 बजे तक चलता रहा। सीएम खट्टर के साथ सरपंचों की दो दौर की बैठक हुई लेकिन इसके बाद भी बात नहीं बन पायी। अंत में सीएम ने कहा कि सरपंचों के साथ बढ़िया बातचीत हुई है। फिर से चर्चा होगी, संभवत: आज सब ठीक हो जाएगा।
शाम 6 बजे बैठक हुई (Haryana E Tendering)
हरियाणा ई-टेंडरिंग मामले पर सीएम और सरपंचों के बीच हरियाणा निवास में शाम छह बजे बैठक शुरू हुई। मुख्यमंत्री से मुलाकात से पूर्व सरपंचों का 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पंचकूला के सेक्टर छह स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचा। यहां पर DIG ओपी नरवाल के साथ उनकी बैठक हुई। इसके बाद सीएम के साथ सरपंचों की बैठक हुई। बैठक का पहला दौर रात सवा नौ बजे तक चला जिसमें सकारात्मक बातचीत हुई। करीब सवा तीन घंटे की मैराथन बैठक में मांगों पर लंबी चर्चा हुई। फिर आधा घंटे के लिए बैठक स्थगित कर दी गई। इस दौरान जहां सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारियों को भोजन कराया गया। वहीं सीएम ने अफसरों के साथ मांगों पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक का दूसरा चरण सवा घंटे तक चला
इसके बाद बैठक का दूसरा चरण सवा घंटे तक चला। बैठक के बाद दोनों पक्ष बातचीत से संतुष्ट नजर आए। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जब तक बातचीत पूरी नहीं हो जाती है तब तक कुछ भी बोलना उचित नहीं है। सीएम ने कहा कि शुक्रवार तक सब कुछ ठीक हो जायेगा।
सरपंचों ने रखी ये मांगे-
1. 73वें संशोधन की 12वीं सूची के 29 अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू किया जाए।
2. ई टेंडरिंग प्रणाली का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन इसकी लिमिट 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया जाए।
3. ग्राम पंचायतों में कार्यरत सभी विभागों के कर्मचारियों की एसीआर लिखने का अधिकार सरपंच को दिया जाए या वह कर्मचारी सरपंच के अधीन किया जाए।
4. गांव में कराए जाने वाले विकास कार्यों में कमी पाए जाने पर कार्यवाही संबंधित अधिकारी के खिलाफ की जाए ना कि सरपंच के खिलाफ क्योंकि सरपंच टेक्निकल नहीं होता।
5. टोल टैक्स सरपंच के लिए माफ होना चाहिए।
6. ग्राम पंचायत की जमीन की रजिस्ट्री का 1% पैसा पंचायत खाते में दिया जाए।
7. ग्राम पंचायतों में घरेलू बिजली के बिलों का 2% पैसा पंचायत खाते में दिया जाए।
8. ग्राम पंचायतों में सरकार द्वारा करवाए जाने वाले सभी कार्यों में गुणवत्ता कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र सरपंच से लेना अनिवार्य किया जाए व सभी कार्यों में सरपंच की भूमिका होनी चाहिए।
9. सरपंचों का वेतन 3 हजार है इससे बड़ा कर 30 हजार किया जाए और पंचों का वेतन एक हजार रुपए से 5000 किया जाए।
10. राइट टू रिकॉल कानून पहले विधायक व सांसदों पर लागू किया जाए उसके बाद स्थानीय निकाय संस्था पर लागू किया जाए।
11. पंचायत सचिवालय में कॉमन सर्विस सेंटर में ऑपरेटर अलग से स्थापित किए जाएं ताकि आमजन को सुविधा का लाभ मिल सके।
12. पूर्व सरपंच की पेंशन अब रुपए 1 हजार है, उसे बढ़ाया जाए।
13. मनरेगा की पेमेंट 3 महीने के अंदर अंदर होने चाहिए तथा इसको ब्लॉक लेवल पर किया जाए और उसकी दैनिक मजदूरी अब 321 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए की जाए ओर मनरेगा की ऑनलाइन हाजरी बंद की जाए क्योंकि कई बार बाहर गांव में इंटरनेट काम नहीं कर रहा होता और वह गैर हाजिर हो जाते हैं।
14. आंदोलन के दौरान जो भी केस किए गए हैं वह वापस लिया जाए।
15. गांव के अंदर पंचायत जमीन पर जो नाजायज कब्जा कर रखा है उसको तुरंत प्रभाव से हटाया जाए, जिससे पंचायत की आमदन ई-मेल इजाफा हो। 16-पी आर आई की बाकी बकाया राशि पंचायतों में जारी हो।