मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद बुलेट प्रूफ गाड़ियों की मांग बढ़ रही है. सिद्धू मूसेवाला की जिस समय हत्या की गई तो वो बुलेट प्रूफ गाड़ी में नहीं थे. उनकी हत्या के बाद हर किसी के जहन में एक ही बात थी कि क्या वो बुलेट प्रूफ गाड़ी में होते उनकी जान बच जाती? क्या बुलेट प्रूफ गाड़ी उन गोलियों से सिद्धू को बचा सकती थी? आज हम आपको बताएंगे की क्या बुलेट प्रूफ गाड़ी सिद्धू मूसेवाला को बचा सकती थी और ये गाड़ियां कैसे बनती हैं?
बुलेट प्रूफ गाड़ियां बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक ने बातचीत में बताया कि अगर सिद्धू मूसेवाला बुलेट प्रूफ गाड़ी में होते तो उनकी जान बच सकती थी. मगर उनकी गाड़ी उस स्टेंडर्ड की होती तो. उन्होंने बताया कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद बुलेट प्रूफ गाड़ियों की डिमांड बढ़ी है. वहीं उन्होंने बताया कि कौन से लोग बुलेट प्रूफ गाड़ी बनवा सकते हैं.
उन्होंने बताया कि अगर आपको बुलेट प्रूफ गाड़ी बनानी है तो आपको सबसे पहले पुलिस से एनओसी लेनी पड़ेगी. पुलिस से एनओसी लेने के बाद ही जेसीबीएल (फैक्ट्री) उनकी गाड़ी बनाएगी. वहीं उन्होंने बताया की बुलेट प्रूफ गाड़ी तीन स्टेजेज में तैयार होती हैं. वहीं उन्होंने बताया कि छोटी गाड़ियां बुलेट प्रूफ नहीं हो सकती है.
बुलेट प्रूफ गाड़ियों का वजन एक क्विंटल तक बढ़ जाता है. सबसे पहले गाड़ी का पीडीआई होता है. उसके बाद गाड़ी को पूरी तरस से डिस्मेंटल कर देते हैं. तीसरे स्टेज में गाड़ी का फेब्रिकेशन होता है और उसके बाद गाड़ी को हैंडओवर किया जाता है.
अब हम आपको बताएंगे की एक गाड़ी को बनाने में कितने रुपये लगते हैं. फैक्ट्री के मालिक की मानें तो एक गाड़ी को तैयार करने में कम से 20 लाख रुपये लगते हैं. वहीं इसकी रेज 1 से डेढ़ करोड़ तक जाती है. उन्होंने बताया कि एक गाड़ी को तैयार होने में 1 से 3 महीने का समय लगता है.