
करनाल। करनाल के नूरमहल चौक से विजिलेंस की टीम ने घरौंडा तहसीलदार के रीडर गुलशन को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। रीडर के बयान पर ही विजिलेंस ने तहसीलदार निखिल सिंगला को भी अरेस्ट कर लिया है। विजिलेंस की टीम ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। दोनों को सोमवार को माननीय कोर्ट में पेश किया जाएगा। उसके बाद पुलिस आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी।
रिश्वतखोर अधिकारियों पर विजिलेंस का एक्शन
करनाल में स्टेट विजिलेंस की टीम रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्ती के साथ एक्शन ले रही है। करनाल में डीटीपी विक्रम सिंह, तहसीलदार राजबख्स सिंह जैसे अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथों काबू करने में बड़ी कामयाबी हासिल कर चुकी है। रिश्वतखोरी को जड़ से खत्म करने के लिए विजिलेंस की टीम शिकायतों पर तुरंत एक्शन लेती है। जिसके चलते विजिलेंस की टीम ने रविवार रात विनोद कुमार की शिकायत पर एक्शन लिया।
20 हजार रुपए की डिमांड की थी
विनोद ने विजिलेंस को बताया था कि उसे अपनी जमीन की गिरवारी को ठीक करवाना था, जिसको ठीक करवाने के लिए घरौंडा तहसीलदार के रीडर गुलशन ने 20 हजार रुपए की डिमांड की। रिश्वत के पैसे देने के लिए शिकायत कर्ता को करनाल में नूर महल चौक पर बुलाया गया था। शिकायत पर एक्शन लेते हुए एसडीएम अनुभव मेहता को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाया और नूर महल चौक पर गुलशल ने विनोद से बीस हजार रुपये लिये। जिसके बाद विजीलेंस की टीम मौके पर पहुंची और आरोपी गुलशन को तुरन्त काबू कर लिया और उससे वह रुपये भी बरामद कर लिए। जिनके नम्बर विजिलेंस की टीम ने पहले की नोट कर लिए थे।
इंस्पेक्टर सचिन ने बताया कि गुलशन से पूछताछ की गई तो उसने बयान दिया कि उसने तहसीलदार निखिल सिंगला के कहने पर रिश्वत ली थी। जिसके बाद निखिल सिंगला को करनाल से ही उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया।
कुछ माह पहले लगे थे गुलशन पर गंभीर आरोप
आपको बता दे कि बीते कुछ माह पहले घरौंडा तहसील कार्यालय में लोगो ने गुलशन पर बदतमीजी के आरोप भी लगाए थे। इसके अतिरिक्त रिश्वत के भी आरोप लगे थे लेकिन किसी ने शिकायत नही दी थी। मामला विधायक हरविंद्र कल्याण के संज्ञान में आया था। जिस पर एसडीएम को जांच के निर्देश दिये थे। लेकिन मामले में कुछ ज्यादा कार्रवाई नही हो पाई थी।