
चंडीगढ़। Haryana Rice Mills: हरियाणा में फर्जी गेटपास के जरिये बासमती धान को गैर बासमती (पीआर) दिखाकर सरकार को चूना लगा रहे चावल मिलर्स से सरकार अब सख्ती से निपटेगी। खाद्य आपूर्ति विभाग और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के अधिकारियों की संयुक्त टीमें जहां सभी चावल मिलों में जाकर स्टाक का भौतिक सत्यापन करेंगी, वहीं सीएमआर (कस्टम मिलिंग राइस) डिलीवरी के दौरान मिलों के बिजली मीटर की रीडिंग की भी जांच की जाएगी। इससे आसानी से पता चल जाएगा कि वास्तव में मिल में धान से चावल निकाला गया है या फिर दूसरे प्रदेशों से चावल लाकर एफसीआइ को चपत लगाई गई।
रंग कोडिंग से पता चलेगा चावल पिछले साल का है या पुराना
प्रदेश में इस बार करीब 13.19 लाख हेक्टेयर में धान बोया गया था। केंद्रीय पूल के लिए 55 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है, जबकि 48.50 लाख टन धान अनाज मंडियों में पहुंच चुका है। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 10 लाख टन ज्यादा है। वह भी तब, जबकि पिछले दिनों हुई बेमौसमी बारिश से धान की फसल को खासा नुकसान हुआ है। खासकर करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, अंबाला और यमुनानगर में धान की खरीद पूरे सीजन के अनुमानित लक्ष्य के करीब पहुंच गई है।
खाद्य आपूर्ति विभाग और एफसीआइ की संयुक्त टीमें करेंगी भौतिक सत्यापन
इससे चौकन्नी हुई हरियाणा सरकार ने राइस मिलर्स द्वारा सीएमआर की आपूर्ति करने से पहले एफसीआइ और खाद्य आपूर्ति विभाग की संयुक्त टीमों के जरिये चावल मिलों के भौतिक सत्यापन के आदेश जारी कर दिए हैं। रंग कोडिंग से पता लगाया जाएगा कि कहीं चावल पिछले साल का या उससे भी पुराना तो नहीं।
प्रदेश में करनाल और कुरुक्षेत्र सहित कई स्थानों से शिकायतें मिली हैं कि मंडियों में आढ़ती, राइस मिलर्स, मार्केट कमेटी के अधिकारियों और खरीद एजेंसियों की मिलीभगत से फर्जी गेट पास काटे जा रहे हैं। बासमती धान को गैर बासमती (पीआर) दिखाया जाता है क्योंकि गैर बासमती धान को सरकारी खरीद एजेंसियां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदती हैं। राइस मिलर्स फर्जी खरीद को अपने मिल के नाम अलाट करा लेते हैं और बाद में उत्तर प्रदेश-बिहार सहित दूसरे प्रदेशों से सस्ता चावल लाकर वापस एफसीआइ को दे देते हैं। इसके बदले उन्हें मिलिंग चार्ज दिया जाता है।
सिर्फ फोर्टिफाइड चावल खरीदेगा एफसीआइ
एफसीआइ ने इस साल 100 प्रतिशत फोर्टिफाइड चावल खरीदने का लक्ष्य रखा है। पिछले साल प्रदेश के राइस मिलर्स 25.7 टन फोर्टिफाइड चावल ही सरकार को दे पाए थे। एफसीआइ की ओर से फोर्टिफाइड चावल के नमूनों की जांच प्रयोगशालाओं में कराई जाएगी। चावल की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए विटामिन और सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 का सम्मिश्रण अनिवार्य है।
46.80 लाख टन धान खरीदा
प्रदेश में मंगलवार शाम तक 48.80 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने सबसे ज्यादा 25 लाख 76 हजार टन, हैफेड ने 15 लाख 40 हजार टन, हरियाणा राज्य भंडारण निगम ने सात लाख 82 हजार टन और एफसीआइ ने करीब 4800 टन धान अभी तक खरीद लिया है।