बड़ी राहत! अब सिर्फ इतने साल करनी होगी डाक्टरों को नौकरी, लड़कियों को 3 लाख की अतिरिक्त छूट

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने बुधवार को तीन दौर की बातचीत के बाद एमबीबीएस के विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने वाले विद्यार्थियों को एक साल के भीतर अनुबंधित नौकरी की गारंटी दे दी है। साथ ही प्रदेश सरकार और एमबीबीएस विद्यार्थियों के बीच होने वाले बांड की अवधि और राशि दोनों घटा दी हैं। बांड की अवधि सात साल की बजाय पांच साल होगी। यानी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद डाक्टरों को कम से कम पांच साल हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं देनी होंगी।

प्रदेश सरकार ने पांच साल की इस अवधि में पीजी करने का समय भी जोड़ दिया है। बांड की राशि 40 लाख रुपये के स्थान पर माइनस 30 लाख रहेगी। माइनस का मतलब यह हुआ कि 30 लाख रुपये की इस बांड राशि में एमबीबीएस के विद्यार्थियों की फीस भी शामिल है, जिसे घटाकर 25 से 26 लाख रुपये की बांड राशि मानी जाएगी।

हरियाणा सरकार ने एमबीबीएस करने वाली लड़कियों को बांड का राशि में 10 प्रतिशत की विशेष छूट दी है। यानी उन्हें अलग से करीब तीन लाख रुपये का फायदा होगा और उनकी बांड की राशि अगर 25 लाख रुपये है तो यह 22 लाख रुपये के आसपास ही बनेगी। अपरिहार्य कारणों से और विशेष परिस्थितियों में यदि कोई विद्यार्थी बांड की राशि नहीं भर पाता है तो यह राशि हरियाणा सरकार भरेगी, लेकिन बांड विद्यार्थियों व बैंक के बीच ही होगा।

बांड का मतलब यह हुआ कि यदि एमबीबीएस करने वाले स्टूडेंट्स हरियाणा के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में नौकरी नहीं करते हैं और कहीं चले जाते हैं तो बांड के मुताबिक उन्हें हरियाणा सरकार को बांड में लिखी गई राशि देनी होगी। अगर वह नौकरी करते हैं तो फिर कोई राशि वसूल नहीं की जाएगी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को एमबीबीएस के आंदोलनकारी विद्यार्थियों के 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ करीब साढ़े चार घंटे तक लंबी बातचीत की। एमबीबीएस के विद्यार्थी पिछले एक माह से आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि प्रदेश सरकार एमबीबीएस पूरी करने वाले विद्यार्थियों को दो माह के भीतर नौकरी की गारंटी दे और नौकरी की अवधि एक साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।

बांड की अवधि एक साल करने और राशि घटाकर 10 साल करने की मांग की जा रही है। बता दें कि इससे पहले दो दौर की बातचीत आंदोलनकारियों के साथ हो चुकी है, जो कि सिरे नहीं चढ़ी। मुख्यमंत्री के साथ तीसरे दौर की बातचीत हुई और वह भी तीन दौर में चली।

रेजीडेंट्स डाक्टरों से बातचीत कर लेंगे फैसला, फिलहाल हड़ताल जारी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बातचीत में शामिल एमबीबीएस स्टूडेंट्स का प्रतिनिधित्व कर रहे छात्र नेता पंकज बिट्टू, अंकित गुलिया और प्रीति वर्मा ने कहा कि फिलहाल हड़ताल जारी रहेगी। हरियाणा सरकार ने जो प्रस्ताव दिए हैं, उन पर आंदोलनकारी स्टूडेंट्स और रेजीडेंट डाक्टरों के साथ चर्चा की जाएगी। मुख्य मुद्दा एमबीबीएस के विद्यार्थियों का है, लेकिन हमें रेजीडेंट्स डाक्टर सपोर्ट कर रहे हैं। ऐसे में कोई भी फैसला आपसी बातचीत और सहमति के बाद ही लिया जाएगा। रेजीडेंट्स डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. अंकित गुलिया ने कहा कि हम सरकार के प्रस्ताव लेकर आंदोलनकारी स्टूडेंट्स के बीच जाएंगे। वहां बातचीत के बाद कोई फैसला होगा। तब तक सभी हड़ताल पर रहेंगे।

मुख्यमंत्री बोले, अब हड़ताल जारी रखने का कोई औचित्य नहीं

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को हरियाणा सरकार की ओर से बहुत बड़ी राहत दी गई है। हमारी बातचीत से अधिकतर स्टूडेंट्स प्रतिनिधि सहमत हैं। एक-दो लोग सहमत नहीं थे, लेकिन हमें लगता है कि अब हड़ताल करने का कोई औचित्य नहीं है और स्टूडेंट्स व डाक्टरों को बृहस्पतिवार सुबह से अपने काम पर लौट आना चाहिए। मनोहर लाल ने कहा कि हमने दो साल पहले मेडिकल बांड पालिसी बनाई थी। बांड की राशि अन्य सभी राज्यों से ज्यादा इसलिए रखी गई थी, क्योंकि हरियाणा में डाक्टरों की भारी कमी है। हमारी सोच थी कि एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद डाक्टर यहां के अस्पतालों में नौकरी करने को प्राथमिकता देंगे।

बांड का राशि का पैसा डाक्टर के परिवार को नहीं देना होगा

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एमबीबीएस के विद्यार्थियों से कहा कि हरियाणा सरकार ने आयुष्मान भारत के साथ ही चिरायु योजना शुरू की है। एक करोड़ 25 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सर्वेक्षण योजना भी कल से शुरू हो चुकी है। इन सभी कार्यों के लिए डाक्टरों की जरूरत पड़ेगी, इसलिए हरियाणा में काम की बहुत अधिक जरूरत और संभावनाएं हैं। हमने बांड पालिसी में सात साल के बजाय पांच साल का समय कर दिया है, यानी अब कम से कम पांच साल के लिए डाक्टरों को सरकारी संस्थानों में अपनी सेवाएं देनी होंगी।

मनोहर लाल ने बताया कि अपरिहार्य स्थिति में बांड की राशि का पैसा डाक्टर की फैमिली को नहीं देना होगा। पीजी की पालिसी बाद में अलग से बनाई जाएगी। बातचीत में सीएम के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, स्वास्थ्य सचिव जी अनुपमा, अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल, सीएम के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती और चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक आदित्य दहिया शामिल हुए।

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