बहादुरगढ़। पंचायत चुनाव में जिस तरह से चुनाव लड़ने के लिए योग्यताएं तय की गई हैं, ठीक उसी तरह से वे नियम भी तय किए गए हैं जिनमें कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो सकता है। यदि कोई भी पंचायत संस्थाओं का किरायेदार या पट्टेदार है तो वह चुनाव लड़ने के अयोग्य है। इसी तरह से काफी नियम है, जो यह तय करते हैं कि कौन व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता।
नियमों की तमाम औपचारिकताएं पूरी करने में जुटे उम्मीदवार
दरअसल, इन दिनों चुनाव लड़ने के लिए दावेदार तमाम औपचारिकताएं पूरी करने में जुटे हुए हैं। इस बार कई नई शर्त भी लगाई गई है। ये शर्त पूरी करने में दावेदारों के पसीने छूट रहे हैं। औपचारिकता पूरी करने पर तो सभी का ध्यान है लेकिन उन नियमों को जानना भी तो जरूरी है जिनमें कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ने के अयोग्य हो सकता है। हरियाणा पंचायती राज अधिनियम के नियम 175 के तहत यदि किसी व्यक्ति को नागरिक अधिकार सुरक्षा अधिनियम 1955 के अधीन किसी अपराध में सुनाई गई सजा से पांच वर्ष का समय अथवा ऐसा कम समय जो सरकार किसी विशेष मामले में तय करें, बीत न गया हो, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता।
पंचायत संस्थाओं के पट्टेदार या किरायेदार हैं तो नहीं लड़ सकते चुनाव
इसके अलावा किसी अन्य अपराध का दोषी सिद्ध हो गया हो और कम से कम छह माह के कारावास से दंडित रहा हो और जब तक जेल से रिहाई के बाद पांच वर्ष का समय या इससे कम समय जो सरकार तय करे, बीत न गया हो, तब तक वह अयोग्य है। यदि किसी को ऐसे फौजदारी केस के अपराध में जिसमें अभी सजा नहीं हुई है, परंतु उस पर आरोप तय हो चुके हैं और जिनमें कारावास की सजा 10 वर्ष से कम नहीं है, तो वह भी चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है। यदि कोई पंचायत संस्थाओं में किसी ऐसे पद पर कार्य करता हो जिससे उसे या तो वेतन मिलता हो या दूसरा कोई लाभ प्राप्त कर रहा हो तो वह भी चुनाव नहीं लड़ सकता।
ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद के आदेश द्वारा किए गए किसी कार्य में उसकी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई हिस्सेदारी या हित है तो वह भी चुनाव नहीं लड़ सकता। यदि कोई ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद में किसी अधिकारी या सेवक से अग्रिम या उधार लिए गए धन के किसी सौदे में खुद अथवा उसके हिस्सेदार का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में हित है तो वह भी चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है।
यदि ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के अधीन या उसके द्वारा देय किसी प्रकार का कोई बकाया है या वसूली योग्य राशि है और नोटिस के बाद भी अदा नहीं करता है तो वह चुनाव लड़ने के आयोग है। जो भी पंचायत संस्थाओं का किरायेदार या पट्टेदार है अथवा उसके खिलाफ संस्थाओं के अधीन कार्य सुविधा की किराये की राशि बकाया है तो वह भी चुनाव के अयोग्य है