
Electric Vehicle Policy: देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण पर बल दिया जा रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार भी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) के निर्माण को बढ़ावा देने में लग गई है। प्रदेश के सीएम मनोहर लाल ने आदेश जारी कर दिए हैं, जिसके अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को उद्योग स्थापित करने तथा पहले से स्थापित उद्योगों को इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण के लिए कई प्रकार की छूट दी जाएगी। इन सब के पीछे मुख्य उद्देश्य राज्य में निर्माताओं को ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित करने के लिए आकर्षित करना है।
हरियाणा इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2022 के जरिए इलेक्ट्रिक वाहन बनाने, वाहनों की बैटरी, उपकरण में चार्जिंग स्टेशन के लिए बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने वाले उद्योगों को विशेष लाभ दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार सरकार को प्रदेश में बिजली से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की अच्छी बिक्री की पूरी उम्मीद है। सीएम मनोहर लाल का कहना है कि हरियाणा में विकास तेज गति से हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए वैकल्पिक स्वच्छता पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी को लागू करना आवश्यक हो गया है।
क्या मिलेगी छूट?
पूंजी सब्सिडी निर्धारित पूंजी निवेश में दी जाएगी
सुविधा उद्योग श्रेणी में पहली 20 इकाइयों को निर्धारित पूंजी निवेश का 25 प्रतिशत या अधिकतम 15 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी
छोटे पैमाने की श्रेणी में पहली 10 इकाइयों को निर्धारित पूंजी निवेश का 20 प्रतिशत या अधिकतम 40 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
मध्यम उद्योगों की श्रेणी में, पहले पांच इकाइयों को निर्धारित पूंजी निवेश का 20 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
भारी उद्योगों की श्रेणी में पहली दो इकाइयों को निर्धारित पूंजी निवेश का 10 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
मेगा इंडस्ट्रीज की श्रेणी में, पहली तीन इकाइयों को निर्धारित पूंजी निवेश का 20 प्रतिशत या अधिकतम 20 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
उद्योगों को सब्सिडी के लिए दोपहीया, तीन व्हीलर, बसों और भारी वाहनों का निर्माण करना होगा।