
कोल्लम : कहते है सीखने और पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती. यह कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी. केरल में एक 105 वर्षीय महिला भागीरथी अम्मा ने इस कहावत को साकार करके दिखा दिया है. केवल साकार ही नहीं बल्कि नए कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं. पिछले वर्ष नवंबर में 105 वर्ष की उम्र में चौथी कक्षा की परीक्षा में बैठने की वजह से वह अखबारों की सुर्खियां बनी थीं. इसी परीक्षा में उन्होंने 74.5 प्रतिशत अंक लाकर एक बार फिर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है.
केरल के कोल्लम ज़िले के त्रिक्कारुवा पंचायत की रहने वाली अम्मा ने 275 अंकों में से 205 अंक लाकर ये सफलता अर्जित की है. उन्होंने चार पेपर दिए, मलयालम, अंग्रेजी, गणित और हमारे आस पास की दुनिया और मज़ेदार. उन्होंने गणित में पूरे अंक लेकर खुद को जीनियस साबित कर दिया. मलयालम और हमारे आस पास की दुनिया विषय में उन्हें 75 में से 50 अंक मिले हैं. अंग्रेजी में उन्हें 50 में से 30 अंक मिले हैं.
मां और पति की मौत ने किया निराश, लेकिन हिम्मत नहीं हारीभागीरथी ने बताया कि वह हमेशा ही पढ़ना चाहती थीं, लेकिन बचपन में ही मां की मौत के कारण उन्हें अपना ये सपना छोड़ना पड़ा. मां के जाने के बाद भाई-बहनों की देखरेख की जिम्मेदारी उन पर आ गई. इसके बाद जब जिम्मेदारियों से वह उभरीं तो घर गृहस्थी का काम संभाल लिया. महज 30 साल की उम्र में उनके पति की मौत ने उनको और भी तोड़ दिया. अब उन पर छह बच्चों के पालने की जिम्मेदारी आ गई थी. बढ़ती उम्र में वो अपना सपना दबाए हुए बैठी थीं. इस उम्र में जब सारी जिम्मेदारियां पूरी हो गईं और उन्हें पढ़ने का मौका मिला तो उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
इसके बाद उन्होंने कोल्लम स्थित अपने घर में चौथी कक्षा के समतुल्य परीक्षा दी और उम्र के कारण शिक्षा से दूरी बनाने वाले लाखोंलाख लोगों के लिए मिसाल बन गईं.अखबारों में जब से यह खबर आयी कि 105 वर्षीय अम्मा ने चौथी की परीक्षा में 74.5 फीसदी अंक हासिल किए हैं तो लोगों ने उनकी तारीफों के पुल बांध दिए. केरल राज्य साक्षरता मिशन के डायरेक्टर पीएस श्रीकला ने अपनी वरिष्ठ छात्रा को स्वयं बधाई दी है. गानों और कविता की शौक़ीन अम्मा ने अपना अगला लक्ष्य भी निर्धारित कर लिया है. अब वह 10वीं की परीक्षा देंगी.
इस परीक्षा में कुल 11593 छात्र बैठे थे
चौथी की परीक्षा में कुल 11593 छात्र बैठे थे, जिनमें 10012 छात्र पास हुए जो लगभग 86 प्रतिशत है. इनमें पास होने वाली कुल छात्राएं 9456 हैं. पथानामथिट्टा ज़िले ने 100 प्रतिशत के साथ सर्वाधिक उच्च स्थान प्राप्त किया है. यहां से परीक्षा में बैठने वाले सभी 385 छात्र पास हुए हैं.पहले भी 96 वर्षीय महिला ने कमाया था नाम
भागीरथी अम्मा का नाम आने से पहले हरिप्पड की कर्त्यायनी नाम की 96 वर्षीय महिला का नाम इस तरीके की ज्ञान की अभिलाषा से जोड़कर देखा जाता रहा है. 100 में से 98 अंक लाने वाली वह पहली महिला थीं. अक्षरलक्ष्य मिशन में इस शानदार सफलता के बाद वह कामनवेल्थ की लर्निंग गुडविल एम्बेसडर के तौर पर भी चुनी गई थीं.