सऊदी के मस्जिदों में लाउड स्पीकर पर रोक, जानिए सरकार ने क्यों लिया इतना बोल्ड फैसला ?

सऊदी अरब (Saudi Arabia) में रमजान (Ramadan) से पहले सख्त नए नियमों के एलान से पूरी दुनिया में नई बहस छिड़ गई है. खासतौर पर तमाम इस्लामिक मुल्कों के मुसलमान नाराज हो गए हैं.

इसे इस्लाम के खिलाफ बता रहे हैं. दरअसल सऊदी के इस्लामिक मंत्रालय (Islamic Affairs Ministry) ने इस साल रमजान के पवित्र महीने को मनाने के लिए कई कड़े नियमों और प्रतिबंधों की घोषणा की है. इन दिशानिर्देशों में लाउडस्पीकर (Loudspeaker) के उपयोग पर भी प्रतिबंध है. सोशल मीडिया पर लगातार इसको लेकर प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.

 सऊदी सरकार की इस घोषणा की पूरी दुनिया में मुस्लिम निंदा कर रहे हैं. और इसे इस्लाम के प्रभाव को कम करने वाला बता रहे हैं. इस्लाम के जानकार कहते हैं – वास्तव में ये परिवर्तन एक नई सऊदी पहचान की ओर उठाये गये एक कदम का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन इस बदलाव की अहमियत को इस्लाम प्राथमिकता नहीं देता है. ये भी समझना होगा.

मस्जिदों में सूर्यास्त के बाद इफ्तार पर लगी रोक. लंबी अवधि वाली इबादतों पर रखी जाएगी नजर. मस्जिदों में बच्चों को नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होगी. इबादत करने वालों को अपना पहचान पत्र साथ में लाना होगा.

मक्का और मदीना में मुख्य मस्जिदों के अलावा नमाज़ का प्रसारण नहीं किया जा सकता है. अगर मस्जिद में कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है, तो उन्हें नमाज़ के दौरान इमाम या इबादत करने वालों की तस्वीरें लेने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. उपवास करने वाले लोगों को खिलाने के लिए पैसे जमा नहीं किये जाने चाहिए. यदि उपवास करने वाले लोगों को भोजन कराया जाता है, तो इसे कुछ खास क्षेत्रों में ही किया जाना चाहिए और बाद में उस जगह की सफाई की जानी चाहिए.

नए नियमों के मुताबिक इफ्तार के लिए कोई अस्थाई कमरा या टेंट नहीं लगाना चाहिए. मस्जिदों के अंदर इफ्तार नहीं होगी. अब जानिए नये नियम और प्रतिबंधों की वजह सऊदी सरकार की नई घोषणा की आलोचना करने वालों का दावा है कि यह इस्लाम के प्रभाव को कम करने की खतरनाक साजिश है. उनका कहना है कि वास्तव में ये फैसला विदेशी दर्शकों को आकर्षित करने के हक में ज्यादा है, इस्लाम के हित में नहीं.

क्योंकि देश में धीरे-धीरे संगीत कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है और पॉपुलर पश्चिमी कलाकारों को आमंत्रित किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा एन रमजान से पहले सऊदी में नये नियमों को लेकर तमाम लोगों का गुस्सा देखने को आ रहा है. बहुत से लोगों का मानना है यह इबादत और उत्सव का समय है. ऐसे मौके पर लोग इकट्ठा होते हैं. इससे सामाजिकता बढ़ती है, राष्ट्रीयता मजबूत होती है लेकिन ये प्रतिबंध लोगों को खुशियां मनाने से रोकता है. हालांकि सारे लोग सरकार के फैसले का विरोध नहीं कर रहे हैं, कुछ इसे समय की मांग भी बता रहे हैं और कह रहे हैं इससे दुनिया में सऊदी अरब की नई पहचान बनेगी.

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