
इंडिया ब्रेकिंग/करनाल रिपोर्टर(ब्यूरो) करनाल 3 अप्रैल, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सभी एक-दूसरे का साथ दे रहे हैं । क्या बूढ़े और क्या बच्चे, हर कोई मदद कर रहा है। कोरोना को हराने के लिए हर कोई तैयार है । भारत में आगे की किसी भी परिस्थितियों के निपटने के लिए पीएम मोदी द्वारा बनाए गए राहत कोष में देश के उद्यमी से लेकर बॉलीवुड अभिनेता और क्रिकेट खिलाड़ी तक करोड़ों का दान देकर देश को कोरोना से लडऩे को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। इसी कड़ी में छोटे-छोटे बच्चे भी आगे आकर अपनी गुल्लक तक राहत कोष में दे रहे हैं।करनाल के पार्थ लोहट जो कक्षा 8 वीं का छात्र है ने कोरोना राहत कोष हेतु अपनी गुल्लक को तोड़ दिया और जिला उपायुक्त कार्यालय में पहुंच कर जिला उपायुक्त निशान्त यादव को सारे पैसे सौंप दिए। पार्थ की इस सेवा भावना की जिला उपायुक्त, जिला अध्यक्ष जगमोहन आनंद, मेयर रेणु बाला गुप्ता ने जमकर तारीफ की । उन्होंने बच्चे से पूछा की आप ऐसा क्यों कर रहे हो तो इस पर उसने उत्तर देते हुए कहा कि जब मेरे पिता जी जब इस विपत्ति के समय रिलीफ फंड में पचास हजार रुपये का चेक भर रहे थे तो उन्हें देखकर मुझे ये प्रेरणा मिली की मुझे भी कुछ योगदान देना चाहिए। उसने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूँ कि इस दु:ख की घड़ी में समाज के लिए सहयोगी बन सका।
उपायुक्त ने जब उससे पूछा कि ये पैसे क्यों इक्कट्ठा कर रहे थे तो पार्थ ने कहा कि मुझे अपने लिए साइकिल लेनी थी लेकिन वर्तमान समय को देखते हुए वो इतनी जरूरी नही है । साइकिल मैं बाद में ले लूंगा। उसने यह भी कहा कि गुल्लक में जमा किए पैसे मुख्यमंत्री राहत कोष में इसलिए जमा करा रहा हूं, ताकि इससे कोरोना से लड़ा जा सके और लोगों को राहत दी जाए। इस पर उपायुक्त कार्यालय में मौजूद सभी ने बच्चे की सराहना करते हुए कहा कि अगर इसी तरह अन्य लोग भी सामने आएंगे तो वह दिन दूर नहीं जब देश से कोरोना वायरस अवश्य खत्म होगा।गौरतलब है कि पार्थ स्वच्छ भारत मिशन के वाईस चेयरमैन सुभाष चन्द्र का बेटा है । स्वयं सुभाष चंद्र ने भी गत दिनों मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 50 हजार रुपये का योगदान दिया था।