घोर विरोध के बाद आखिरकार हरियाणा में भी बंद हुए शराब के ठेके

सरकार ने शराब के ठेकों को बंद करने का निर्णय लिया है। अब हरियाणा में शराब नहीं बिकेगी. गुरुवार रात 12 बजे से शराब बिक्री पर रोक लगा दी गई। सरकार ने ठेकों के खुलने पर विपक्ष और सोशल मीडिया में हो रही आलोचना के बाद गुरुवार को आखिरकार यह निर्णय ले ही लिया। बाकि प्रदेशों में 22 मार्च से ही शराब के ठेकों को भी बंद कर दिया गया था लेकिन हरियाणा में ठेके खुले रखे गए थे।

इसके बाद विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई और सोशल मीडिया पर भी अभियान शुरू हो गए। गुरुवार देर शाम उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बैठक करने के बाद शराब की बिक्री पर भी प्रतिबंधित कर दी। उप-मुख्यमंत्री चौटाला ने प्रदेश के सभी जिला खाद्य नियंत्रक अधिकारियों तथा जिला कराधान अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 14 अप्रैल, 2020 को लॉकडाउन अवधि के दौरान आवश्यक वस्तुओं, विशेषकर आटा, दाल व खाद्य तेल की थोक व खुदरा विक्रेताओं के पास पर्याप्त मात्रा में स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित करवाएं।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अप्रैल माह में वितरित होने वाले राशन व अन्य वस्तुओं का उठान 05 अप्रैल तक करें। लॉकडाउन के दौरान जहां तक संभव हो जिला प्रशासन से तालमेल कर राशन का वितरण घर द्वार पर ही वितरण करवाया जाए। विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 22 वस्तुओं की सूची तैयार की गई है।

कोरोना वायरस के बाद मास्क, सैनिटाइजेशन तथा ग्लब्ज तीन और वस्तुओं को जोड़ा गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी थोक विक्रेता या केमिस्ट इन तीन वस्तुओं की कालाबजारी व अधिक स्टॉक एकत्रित न करें और उपभोक्ताओं से एमआरपी से ज्यादा कीमत न वसूलें।

दाल की दरें नैफेड द्वारा अनुमोदित की गई हैं जिनकी जानकारी जिला खाद्य नियंत्रक अधिकारियों को उपलब्ध करवा दी गई है। जिला कराधान अधिकारी भी यह सूची उनसे लें और थोक विक्रेता संघ के साथ बैठक कर इसकी जानकारी दें। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जहां-जहां आटे की मिलों द्वारा आटा उपलब्ध करवाया जाता है, वहां पर सीधा गेहूं वितरित कर दिया जाए। पशु-आहार की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता भी सुनिश्चित हो। इसके अलावा, जिन क्षेत्रों में मिल्क प्लांट है, वहां पर दूध के साथ-साथ मिल्क पाउडर का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में तैयार हो।

Advertisement