अजय के बयान से भड़के अभय चौटाला – दुष्यंत के लिए कही ये बात

चंडीगढ़ : इसराना रैली में अजय चौटाला के बयान से भड़के इनैलो विधायक अभय चौटाला ने अपने भाई और भतीजे दुष्यंत चौटाला को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि दोनों अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़ते हैं, सारी असलियत पता लग जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव हारने पर राजनीति से सन्यास ले लेंगे और दुष्यंत हारता है तो ओम प्रकाश चौटाला के पैरों में गिरकर माफी मांगनी होगी। गौरतलब है कि इसराना रैली में अजय ने कहा था कि अभय चौटाला उनकी वजह से चुनाव जीते हैं। अभय ने बड़े भाई के दावे को खारिज कर दोनों पिता-पुत्रों को चुनावी रण में उतारने के लिए ललकारा है।

चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों के साथ बातचीत में अभय ने कहा कि अजय को गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए कि वह उनकी वजह से विधायक बने हैं। अजय और उनके बेटे दुष्यंत ने लाखों लोगों के साथ धोखा किया है। इनैलो से अलग होकर दोनों ने जननायक जनता पार्टी बनाई। जनता ने भाजपा के खिलाफ वोट दिए थे, लेकिन उनकी गोद में ही जाकर बैठ गए।

उन्होंने कहा कि दुष्यंत अब तक उचाना विधानसभा क्षेत्र में धन्यवादी दौरा तक नहीं कर सके हैं। अभय ने कहा कि अजय और दुष्यंत ने देवीलाल की नीतियों को लागू करने, युवाओं को रोजगार और 5100 रुपए पैंशन देने समेत कई मुद्दों पर लोगों को प्रलोभन दिया था। लोगों ने माना था कि देवीलाल की नीतियों को आगे बढ़ाएंगे, इसलिए मौका मिलना चाहिए, लेकिन 10 के 10 विधायक अब एक साथ बैठकर मीटिंग तक नहीं कर सकते। सभी में एक-दूसरे के प्रति अजीब भाव हैं। सभी को लगता है कि उनके साथ धोखा हुआ है।

अभय ने दावा किया कि लोगों का ओम प्रकाश चौटाला और उनके प्रति भरोसा बढ़ा है, क्योंकि उन्हें लगता है कि स्व. देवीलाल की नीतियों को हम लोग आगे ले जा रहे हैं। बारिश और ओलों से बर्बाद फसल का जिक्र करते हुए अभय ने कहा कि किसान को 10 से 12 हजार रुपए मुआवजा नाइंसाफी होगा। उन्हें 40 से 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा मिलना चाहिए।

राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने उतारा हुड्डा का पुराना अहसान

राज्यसभा चुनाव लेकर चर्चा पर अभय ने कहा कि संभावना थी कि भाजपा तीसरा उम्मीदवार उतारेगी, लेकिन जैसे ही कांग्रेस की ओर से दीपेंद्र हुड्डा का नाम आया तो भाजपा ने हाथ पीछे खींच लिया। इससे जाहिर होता है कि कांग्रेस और भाजपा मिली हुई है। अब भाजपा ने पिछला अहसान उतारने के लिए तीसरा उम्मीदवार नहीं उतारा है, क्योंकि गत चुनाव में भाजपा की हुड्डा ने मदद की थी। कांग्रेस की चुनाव में फूट खुलकर सामने आ जाती, लेकिन भाजपा ने अब कांग्रेस का साथ दिया है। उन्होंने जजपा का नाम लिए बिना कहा कि चुनाव होते तो उनकी भी असलियत सामने आ जाती।

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