5G Networks
5G Networks: नई दिल्ली। जर्मनी अगले पांच वर्षों में अपने 5G मोबाइल नेटवर्क से चीनी कंपनियों Huawei और ZTE के घटकों (डिवाइस) को हटाने की तैयारी कर रहा है। जर्मनी का कहना है कि वह अब अपने 5G नेटवर्क का विस्तार करते समय मुख्य रूप से अपने ही देश के घटकों पर निर्भर रहेगा।
जर्मन आंतरिक मंत्री नैन्सी फेसर ने कहा कि हमारा लक्ष्य जर्मनी के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की रक्षा करना है। हम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसा करते हैं। हमारा मानना है कि यह कॉर्पोरेट और राष्ट्रीय संचार की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
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CNN की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने आगे कहा हमें सिक्योरिटी रिस्क को कम करने पर जोर देना चाहिए। इसके साथ ही एकतरफा निर्भरता से बचना चाहिए। जर्मन सरकार ने इस बयान में टेलिकम्युनिकेशन संचार को मजबूती देने पर भी जोर दिया। वोडाफोन, डॉयचे टेलीकॉम और टेलीफोनिका सहित मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर 2026 के अंत तक अपने 5G कोर नेटवर्क से Huawei और ZTE द्वारा बनाए गए कॉम्पोनेंट्स को हटाने को लेकर सहमत हो गए हैं।
2029 तक कॉम्पोनेंट्स हटाने का लक्ष्य
इनमें प्रमुख तौर पर वे कॉम्पोनेंट्स शामिल हैं जो इंटरनेट या कंट्रोल सेंटर को रूप में काम करते हैं। इसके अलावा, कहा गया कि इन कॉम्पोनेंट्स को 2029 के अंत तक ट्रांसमिशन लाइनों और टावरों जैसे 5G नेटवर्क से हटा दिया जाना चाहिए। इस बीच जर्मनी ने ये भी कहा कि देश में चीनी कंपनियों के हितों को ध्यान में रखा जाएगा। उन्हें हर मदद दी जाएगी। कुछ लोगों का मानना है कि जर्मनी द्वारा लिया गया यह निर्णय दोनों देशों के बीच संबंधों को खराब कर सकता है।
कुछ दिन पहले लिया गया ये फैसला
पिछले सप्ताह जर्मनी ने अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए फॉक्सवैगन की सहायक कंपनी की बिक्री पर देश में रोक लगा दी थी। इसकी चीन ने जमकर आलोचना की थी। रिपोर्ट के अनुसार, चीन यूरोपीय संघ के साथ व्यापार विवाद में भी शामिल है, जिसने जून में चीनी इलेक्ट्रिक कारों पर टैरिफ बढ़ा दिया था।
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