
फरीदाबाद : अरावली की खूबसूरत वादियों में शनिवार से लोक नृत्य, संगीत व शिल्पकला का संगम शुरू हो जाएगा। जिसमें 39 देशों के एक हजार से अधिक कलाकार भाग लेंगे। 34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला का शुभारंभ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया । शुक्रवार को मेला परिसर में आयोजित प्रेसवर्ता में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के सचिव एवं मेला प्राधिकरण के चेयरमैन योगेंद्र त्रिपाठी ने यह जानकारी दी। त्रिपाठी ने बताया कि इस बार मेले का थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश है और उज्बेकिस्तान सहभागी देश है। उन्होंने बताया कि देश के कमोबेश सभी प्रदेश और 39 देशों के शिल्पकार इस बार मेले में हिस्सा ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सूरजकुंड में पहला मेला 1987 में लगा था। इस दौरान प्रैसवर्ता में अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन, पुलिस आयुक्त केके राव, उज्जबेकिस्तान और हिमाचल पर्यटन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। सूरजकुंड मेला को लेकर पुलिस सुरक्षा-व्यवस्था भी बढ़ा दी है । इसे लेकर मेला परिसर में 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जहां कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी इन कैमरों की मदद से चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं। इंस्पेक्टर दयानंद के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों की यह टीम पूरी तरह से अलर्ट दिखाई दी। कंट्रोल रूम में सीसीटीवी के सामने बैठे पुलिसकर्मी प्रत्येक कैमरे की फुटेज पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। शुक्रवार को इसे लेकर रिहर्सल भी की गई। मेले में देशी-विदेशी हस्तशिल्पी और कलाकार अपनी कला का जादू दिखाने के लिए सूरजकुंड मेला परिसर पहुंचने शुरू हो गए हैं। इस बीच विदेशी शिल्पकारों में कोरोना वायरस का डर समाया हुआ है। इसके चलते विदेशी शिल्पकार मास्क लगाकर मेला परिसर में अपना काम कर रहे हैं। एक फरवरी को मेले का विधिवत उद्घाटन हो जाएगा। मगर, आम दर्शकों के लिए मेला एक फरवरी को 12 बजे के बाद शुरू होगा।
मेला परिसर में आम दर्शक वीआईपी प्रवेशद्वार नंबर-एक से मेला परिसर के अंदर नहीं जा सकेंगे। आम दर्शकों को दूसरे प्रवेशद्वारों से प्रवेश करने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों के जरिये पुलिसकर्मी चप्पे-चप्पे पर निगाह रखेंगे। दर्शक मेले में आभूषण पहनकर आने से बचें। मेले में भीड़ ज्यादा होती है। इससे आभूषण गुम होने का खतरा बना रहता है। मेले में इस बार भी लोग एचआईवी की मुफ्त जांच करा सकेंगे। डॉ. संजीव भगत के अनुसार सूरजकुंड मेले में हर साल एचआईवी की जांच के लिए स्टॉल लगाई जाती है। वहां पर सैंपल लेने के साथ ही काउंसलिंग का काम भी किया जाता है।