
बिहार के लोगों में कुछ है तो उसमें से एक जीवटता भी शामिल है। प्रदेश के ग्रामीण कस्बों में ऐसे कई उदाहरण हैं। खासकर गया में तो कई उदाहरण हैं जिनकी अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा हो चुकी है।
ताजा मामले में गया के बुद्धौल गांव में ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से 30 वर्षों से पेंडिंग पड़े एक पुल निर्माण का बीड़ा उठाया है। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक इस पुल के निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों, नेताओं और सरकार से मांग कर चुकी है। लेकिन आज तक ये पूरा नहीं हुआ। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही आपसी सहयोग से इसे बनाने का फैसला लिया।
Bihar: Villagers of Budhaul in Gaya have started construction of a bridge in their village that was pending for almost 30 years. A local says, "We have been demanding the construction of this bridge but govt didn't fulfil it. So the villagers decided to construct it themselves." pic.twitter.com/mfWAkMQFhv
— ANI (@ANI) September 17, 2020
दशरथ मांझी द माउंटेनमैन
आपको बता दें कि माउंटेनमैन के नाम से विख्यात दशरथ मांझी जिन्होंने पत्नी के प्रेम में पहाड़ का सीना काटकर रास्ता बनाने वाले गया के ही रहने वाले थे। उन पर फिल्में भी बनीं, सड़कें बनीं और उनसे लोग इंस्पायर्ड हुए।
द सेकेंड माउंटेनमैन लौंगी भुइयां
इसके बाद हाल ही में दूसरे ‘मांउटेनमैन’ लौंगी भुइयां की चर्चा हो रही है। वे भी गया के ही रहने वाले हैं। दरअसल जिले के इमामगंज और बांकेबाजार प्रखंड की सीमा पर जंगल में बसे कोठीलवा गांव के लोगों की गरीबी दूर करने के लिए लौंगी भुइयां ने पांच किलोमीटर लंबी पईन(नहर) खोद डाला। भुइयां ने 20 साल में पांच किलोमीटर लंबी, चार फीट चौड़ी व तीन फीट गहरी पईन की खुदाई कर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा दिया।
‘हिंदुस्तान’ के साथ बातचीत में लौंगी भुइयां ने बताया था कि 20 साल पहले वर्ष 2001 में गांव के युवाओं को पत्नी व बच्चों को घर में छोड़कर कमाने के लिए गांव से पलायन से दुखी होकर पईन खोदने का फैसला किया। उन्होंने देखा कि जहां मवेशी पानी पीने जाते हैं वहां पर बहुत बड़ा जल का स्रोत है। यहां से पईन की खुदाई करके खेत तक पानी ले जाया जाए।
उन्होंने इसके अगले ही दिन से (अगस्त 2001) ही अकेले पईन की खुदाई बंगेठा सगवाही जंगल से शुरू कर दी। लौंगी ने बताया कि वे अकेले हाथ में कुदाल, खंती व टांगी लेकर निकल पड़ते थे। जब खुदाई शुरू की तब लोगों ने उनका मजाक उड़ाया। लोग पागल कहने लगे। लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की।